मंदिरों को बनाने में डाकुओं ने काफी मदद की
आर्ट कॉलेज में पुरातत्वविद डॉ मुहम्मद केके का संबोधनलाइफ रिपोर्टर @ पटनाकला और पुरातत्व प्राचीन काल से गंुफित है. बहुत सी कला है तो धरती के अंदर दबी हुई है. इसको पुरातत्व विभाग ने संजोने का काम किया है. ये बातें शनिवार को कला एवं महाविद्यालय में पुरातत्वविद डॉ मुहम्मद केके ने कही. वह कैनवास […]
आर्ट कॉलेज में पुरातत्वविद डॉ मुहम्मद केके का संबोधनलाइफ रिपोर्टर @ पटनाकला और पुरातत्व प्राचीन काल से गंुफित है. बहुत सी कला है तो धरती के अंदर दबी हुई है. इसको पुरातत्व विभाग ने संजोने का काम किया है. ये बातें शनिवार को कला एवं महाविद्यालय में पुरातत्वविद डॉ मुहम्मद केके ने कही. वह कैनवास व कला एवं शिल्प महाविद्यालय द्वारा कला एवं पुरातत्व विषय पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में बटेश्वर में कई मूर्ति पहले धंस गयी थी. इसका जीर्णोद्धार करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी. यह मंदिर जंगलों में थे. इसके जीर्णोद्धार में चंबल के डाकुओं ने काफी सहयोग किया. उन्होंने स्टूडेंट्स को पावर प्वाइंट के माध्यम से मंदिरों के निमार्ण में लगे हुए चार स्टेज के बारे में बताया. उन्होंने गुर्जर एवं प्रतिहार काल के मुरैना (मध्य प्रदेश) स्थित बटेश्वर के विनष्ट 200 मंदिरों के बारे में स्टूडेंट्स को बताया. उन्होंने कहा कि इन मंदिरों को पुन: खड़ा करने में काफी परेशानियां आयी, लेकिन सभी परेशानी से जूझ कर इन मंदिरों को बेहतर बनाया गया.कॉलेज के प्राचार्य प्रो चंद्रभूषण श्रीवास्तव ने डॉ मुहम्मद केके का स्वागत किया. कार्यक्रम का संचालन संस्कृतिकर्मी विनय कुमार व धन्यवाद ज्ञापन प्रो अजय कुमार पांडेय ने किया. मौके पर डॉ विजय कुमार चौधरी, प्रो श्याम शर्मा, प्रो जयश्री मिश्र, सुमन श्रीवास्तव, पुरुषोत्तम, रजनीश राज, मो गालिब के साथ कॉलेज के सभी शिक्षक, छात्र व कर्मचारी मौजूद थे.