इनकी नाराजगी इस कदर बढ़ गयी कि वे पुलिस पर पथराव पर उतर आये. ग्रामीणों द्वारा किये गये पथराव से मसौढ़ी एसडीएम, धनरूआ व पुनपुन थानाप्रभारी सहित 10 पुलिसकर्मी घायल हो गये. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी डंडे चटकाये, जिससे पूरे बेलदारीचक सड़क पर भगदड़ की स्थिति बन गयी. जानकारी के मुताबिक पुनपुन प्रखंड के चौहरमल नगर के पास की जमीन का परचा कुछ महादलित परिवार को मिला था, लेकिन इस जमीन पर कुछ लोगांे का कब्जा था, जिन्हें वहां से हटने का नोटिस प्रशासन ने पूर्व में भी भेजा था. नोटिस के बाद भी जब लोगों ने जमीन खाली नहीं की, तो शनिवार को मसौढ़ी के अनुमंडल पदाधिकारी सीपी सिंह, पुनपुन बीडीओ सह सीओ रंजीता और गौरीचक, पुनपुन व धनरूआ थानों की पुलिस उक्त जमीन को दखलदेहानी के तहत खाली कराने पहुंची.
पुलिस प्रशासन को देख कर पहले तो ग्रामीण वहां से हट गये, लेकिन बाद में उनके द्वारा काफी हंगामा किया जाने लगा. देखते- ही -देखते वे उग्र हो गये और पुलिस कार्रवाई से नाराज होकर पथराव पर उतर आये. ग्रामीणों का आरोप था कि जमीन खाली करने के लिए वे प्रशासन के साथ वार्ता को तैयार थे, लेकिन पुलिस की ओर से कड़े तेवर दिखाने से लोग आक्रोशित हो गये. हिरासत में लिये गये ग्रामीण सह राजद के प्रदेश महासचिव द्वारिका पासवान, प्रमोद पासवान, संजीवन पासवान, कृष्णा पासवान व बैजू पासवान ने बताया कि जमीन खाली कराने पहुंची पुलिस ग्रामीणों की बातें सुनने को तैयार नहीं थी. हमलोगों को वार्ता के लिए बुलाया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर पुलिस द्वारा जम कर लाठीचार्ज कर दिया गया, जिसमें करीब 20 महिलाएं घायल हो गयीं. इसके अलावा अन्य कई ग्रामीण घायल हो गये. पथराव के कारण कई पदाधिकारियों के साथ पुलिसकर्मियों को भी चोटें आयी हैं. स्थिति बिगड़ता हुआ देख कर पुलिस को भी कार्रवाई करनी पड़ी.
इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि कुछ बासगीत परचाधारी महादलितों के आवंटित जमीन पर कुछ लोगों ने अपना कब्जा जमाया हुआ था, जिसे खाली कराने के दरम्यान वे लोग हिंसा पर उतर आये. आठ-दस लोगों को हिरासत मे लिया गया है. इधर, इस घटना की राजद के जिला अध्यक्ष देवमुनि सिंह यादव, प्रदेश महासचिव महेश चंद्रवंशी, जिला पार्षद उर्मिला देवी आदि ने कड़ी निंदा की है. इन लोगों ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है.