निषादों को आदिवासी का दर्जा मिले : रामाश्रय सहनी
तरैया पहुंचा अमर शहीद जुब्बा सहनी रथराज्यस्तरीय निषाद अधिकार संकल्प महारैली में निमंत्रण देने पहुंचे पूर्व मंत्रीतरैया. अच्छी-खासी आबादी के बाद भी निषाद समाज का कोई पहचान नहीं है. हमें राजनीति में वाजिब हक नहीं मिलता है. निषादों को एकजुटता प्रदर्शित करने की जरूरत है. निषाद समाज को आदिवासी का दर्जा मिले. उक्त बातें सोमवार […]
तरैया पहुंचा अमर शहीद जुब्बा सहनी रथराज्यस्तरीय निषाद अधिकार संकल्प महारैली में निमंत्रण देने पहुंचे पूर्व मंत्रीतरैया. अच्छी-खासी आबादी के बाद भी निषाद समाज का कोई पहचान नहीं है. हमें राजनीति में वाजिब हक नहीं मिलता है. निषादों को एकजुटता प्रदर्शित करने की जरूरत है. निषाद समाज को आदिवासी का दर्जा मिले. उक्त बातें सोमवार की संध्या बिहार सरकार के पूर्व पशुपालन मंत्री रामाश्रय सहनी ने बाइडीबीएस कॉलेज परिसर में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहीं. श्री सहनी 30 मई को पटना गांधी मैदान में आयोजित होनेवाले निषाद अधिकार संकल्प महारैला में शामिल होने के लिए तरैया में निषाद समाज के लोगों को निमंत्रण देने आये थे. उनके साथ अमर शहीद जुब्बा सहनी रथ भी आया था, जिससे गांव-गांव घुम कर लोगों को पटना चलने का आग्रह किया जा रहा था. सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री श्री सहनी ने आगे कहा कि हमें संगठित होने की जरूरत है. अपने बच्चों को शिक्षित करने की जरूरत है तभी हम अपने हक व अधिकार को प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने भारत सरकार से निषाद समाज को आदिवासी का दर्जा प्रत्येक जिला में निषाद छात्रावास बनाने, बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करने की मांग की. उन्हांेने कहा कि जहां हमारी आबादी है वहां निषादों को टिकट मिलना चाहिए. संबोधित करते हुए सत्येंद्र कुमार सहनी ने कहा हमारी आबादी 17 प्रतिशत है पर राजनीति में भागीदारी एक प्रतिशत भी नहीं है. अध्यक्षता निषाद संघ के जिलाध्यक्ष लक्ष्मी सहनी ने किया है.