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गायघाट रिमांड होम के अधीक्षक को सजा

दरभंगा: न्यायिक आदेश का पालन नहीं करना रिमांड होम, गायघाट , पटना के अधीक्षक को महंगा पड़ गया. कारणपृच्छा के बाद भी न्यायिक आदेश का पालन नहीं करने के आरोप में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र प्रसाद पांडेय की अदालत ने रिमांड होम , गायघाट के अधीक्षक को दप्रस की धारा 349 के […]

दरभंगा: न्यायिक आदेश का पालन नहीं करना रिमांड होम, गायघाट , पटना के अधीक्षक को महंगा पड़ गया. कारणपृच्छा के बाद भी न्यायिक आदेश का पालन नहीं करने के आरोप में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र प्रसाद पांडेय की अदालत ने रिमांड होम , गायघाट के अधीक्षक को दप्रस की धारा 349 के तहत एक सप्ताह की साधारण कारावास की सजा दी है.

प्रथम एडीजे श्री पांडेय की अदालत में चल रहे सत्र वाद संख्या 272/12 का संचालन कर रहे एससी, एसटी एक्ट के विशेष लोक अभियोजक अंजनी कुमार भगत ने बताया कि सिमरी थाना के पुअनि कामेश्वर सिंह के बयान पर 7 अप्रैल , 2012 को थाना कांड संख्या 73/12 दर्ज किया गया था. इसमें आरोप लगाया गया कि क्षेत्र के माधोपुर निवासी योगेंद्र यादव की पत्नी उमियां देवी के घर से एक अपहृत नाबालिग लड़की बरामद की गयी थी. सिमरी थाना की पुलिस अररिया जिला के कूषकाटा थाना कांड संख्या 15/12 में अपहृत लड़की की तलाश के लिए उमियां देवी के घर गयी थी, परंतु लड़की वहां नहीं मिली, लेकिन दूसरी अपहृत लड़की उसके घर से बरामद की गयी थी. श्री भगत ने बताया कि इस मामले में उमियां देवी न्यायिक हिरासत में है. इस मामले में अदालत में अन्य साक्षियों की गवाही हो चुकी है. सिर्फ अपहृत का साक्ष्य होना बाकी है. अदालत द्वारा अंतिम अवसर दिये जाने के बावजूद अधीक्षक द्वारा पीड़िता को साक्ष्य हेतु नहीं भेजा गया. बताया गया कि अपहृत को उपस्थित कराने हेतु 6 अप्रैल, 13 को सम्मन निर्गत किया गया था.

इसके बाद अदालत ने 31 जुलाई 13 को ज्ञापांक 587 के माध्यम से रिमांड होम अधीक्षक को कारणपृच्छा जारी किया. इसके बावजूद न तो साक्ष्य के लिए पीड़िता न्यायालय में उपस्थित हुई, न ही पूछे गये कारणपृच्छा का कोई जवाब ही न्यायालय में दाखिल किया गया. प्रथम एडीजे श्री पांडेय ने उक्त वाद में अपने आदेश में कहा है कि पीड़िता को न्यायालय में उपस्थित कराने हेतु रिमांड होम के अधीक्षक के मोबाइल संख्या 9431679515 पर मोबाइल संख्या 8409219222 से दिनांक 21 अगस्त, 2013 को सूचना भी दी गयी, परंतु निर्धारित तिथि को साक्ष्य हेतु पीड़िता उपस्थित नहीं हुई.

मामले में की टालमटोल
इससे स्पष्ट होता है कि रिमांड होम, गायघाट ,पटना के अधीक्षक पीड़िता को न्यायालय में उपस्थापित में टाल-मटोल कर रहे हैं. उनके विरुद्ध दप्रस की धारा 349 के तहत कार्यवाही करना लाजिमी है. तदनुसार काराधीक्षक को एक सप्ताह की साधारण की सजा दी जाती है. श्री पांडेय की अदालत ने वाद की अगली तिथि 10 सितंबर, 13 निर्धारित करते हुए अधीक्षक के विरुद्ध अजमानतीय अधिपत्र निर्गत करने का आदेश कार्यालय को दिया है.

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