पटना: नेपाल भूकंप आपदा के प्रभावितों के लिए बिहार सरकार मदद दे रही है. सरकार के आदेश के बाद पटना जिला प्रशासन ने सोमवार को रिलिफ पैकेट बनाने का काम कृष्ण मेमोरियल हॉल में शुरू किया. पहले दिन दस हजार रिलिफ पैकेट तैयार करने का निर्देश दिया गया, जिन्हें नेपाल भेजा जायेगा. पैकेट में चूड़ा, नमक, चीनी, बिस्कुट, दूध पाउडर और टॉर्च भी दिया गया है.
रिलिफ पैकेट बनाने का काम दो से तीन दिनों तक और चलेगा. इसके बाद जरूरत के मुताबिक इसकी आगे तैयारी होगी. आपदा प्रबंधन के एडीएम शिवशंकर मिश्र की अगुआई में विभिन्न विभागों के सरकारी कर्मचारियों ने पैकेट निर्माण की निगरानी का काम संभाल रखा है. इसमें एडीएम, जिला स्तरीय से लेकर ब्लॉक स्तर के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं. आपदा एडीएम शिवशंकर मिश्र ने बताया कि अभी तक प्रशासन को यह नहीं बताया गया है कि इसे यहां से कैसे ले जाया जायेगा. हम इसे तैयार करा दे रहे हैं और जैसे ही निर्देश मिलेगा वैसे ही इसे भेज दिया जायेगा. तैयारी के दौरान ही निरीक्षण करने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त डॉ इएलएसएन बाला प्रसाद और डीएम अभय कुमार सिंह पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने पैकिंग प्रक्रिया की जांच पड़ताल की.
निरीक्षण के दौरान ही डीएम ने बताया कि हमें इस काम के मॉनीटरिंग की जिम्मेवारी मिली है और हमने सभी सामग्रियों का निरीक्षण कर लिया है और संतुष्ट होकर ही उसकी पैकिंग करा रहे हैं. पैक में जानेवाली सभी सामग्री ब्रांडेड और स्टैंडर्ड हैं.
सभी सामग्री नेपाल भेजी जायेगी.
आपदा में भी बाजार रेट ले रहे हैं?
एक रिलिफ पैकेट में क्या-क्या दे रहे हैं? प्रमंडलीय आयुक्त जब नेपाल भेजे जाने वाले रिलिफ पैकेट निर्माण का जायजा लेने कृष्ण मेमोरियल हॉल पहुंचे, तो डीएम अभय सिंह से सवाल किया. सर दो किलो चूड़ा दे रहे हैं, टेस्ट भी कर लिये हैं. बढ़िया क्वालिटी का है. चीनी-नमक है, एक पैकेट ब्रिटानिया कंपनी का बिस्कुट, सुधा का दूध पाउडर और एक टॉर्च भी है. डीएम ने जवाब दिया. डीएम ने कहा कि सर दूध पाउडर बढ़िया है. बस घोलने के बाद पी सकते हैं. टॉर्च किस कंपनी का है? कमिश्नर ने पूछा,तो जवाब मिला कि एवरेडी का टॉर्च है सर. एक कितने का है? इसके बाद जब डीएम ने गोपनीय शाखा के प्रभारी की ओर सवालिया लहजे में देखा तो उन्होंने जवाब दिया कि 80 का प्रिंट है और 67.50 रुपये में दे रहे हैं. कहां से खरीद रहे हैं? बेऊर रोड से. यह तो महंगा दे रहा है. डीलर को फोन लगाइए. फोन लगाया जाता है. सवाल होता है कि क्या जी आपदा में भी बाजार रेट ले रहे हैं? ठीक रेट लीजिए. इसके बाद फोन डिस्कनेक्ट कर दिया जाता है. अब ठीक रेट लेगा. इसके बाद कमिश्नर डीएम के साथ हॉल से कहीं और के लिए निकल जाते हैं.