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आपदा की घड़ी में रमई राम ने किया इस्तीफे का ड्रामा, मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी

पटना: भूकंप जैसी आपदा की घड़ी में भी बिहार के वरिष्ठ मंत्री रमई राम द्वारा इस्तीफे का ड्रामा किए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराजगी जाहिर की है. मुख्यमंत्री ने इस मामले पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को कहा कि आपदा की इस घड़ी में अगर कोई भी इस्तीफा देता है तो […]

पटना: भूकंप जैसी आपदा की घड़ी में भी बिहार के वरिष्ठ मंत्री रमई राम द्वारा इस्तीफे का ड्रामा किए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराजगी जाहिर की है. मुख्यमंत्री ने इस मामले पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को कहा कि आपदा की इस घड़ी में अगर कोई भी इस्तीफा देता है तो उसे तुरंत स्वीकार किया जाना चाहिए. मालूम हो कि रमई राम ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूर्वी चंपारण के प्रभारी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.

इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते 28 अप्रैल को जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी को पूर्वी चंपारण जिला के साथ नेपाल में भूकंप के कारण वहां से आने वाले पीड़ितों के बीच राहत समन्वय कार्य के लिए पूर्वी चंपारण जिला का प्रभारी नियुक्त किया था. जबकि रमई राम पहले से प्रभारी मंत्री थे. मुजफ्फरपुर जिला के बोचहा विधानसभा क्षेत्र से जदयू विधायक रमई राम ने कहा कि अगर वे उसके लायक नहीं थे, तो उन्हें हटाकर उनके स्थान पर किसी दूसरे को प्रभारी मंत्री बना देते. बिना उनके संपर्क किए किसी अन्य को नियुक्त किया जाना उनका अपमान है.

अभी दो दिन पूर्व परिवहन विभाग के प्रधान सचिव शशिशेखर शर्मा का तबादला कर दिये जाने को लेकर भी रमई राम नाराज चल रहे थे. परिवहन विभाग का जिम्मा भी उन्हीं के पास है. रमई राम ने राज्य सरकार के इन दोनों निर्णयों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मुङो असक्षम समझते है, जो सोचनीय विषय है.

उन्होंने कहा कि स्वयं की क्षमताओं पर सवालिया निशान उठाये जाने को लेकर वे क्षुब्ध है और इस कारण वे पूर्वी चंपारण जिला के प्रभारी मंत्री पद से इस्तीफा दे रहे है. उन्होंने कहा कि उनसे बिना पूछे किसी को भी प्रभार दिये जाने पर वे स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं और इसी कड़ी में वे इस्तीफा देना बेहतर समझते है.

उधर, मुख्यमंत्री ने इस पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रि या देते हुए कहा कि रमई राम का इस्तीफा अभी उन्हें नहीं मिला है. रमई राम के इस रवैये से नाराज मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में किसी प्रकार की राजनीति असहनीय है. अगर कोई इस्तीफा देता है तो उसे अगले ही पल स्वीकार कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी की पूर्वी चंपारण जिला के प्रभारी मंत्री के तौर पर प्रतिनियुक्ति भूकंप प्रभावित पड़ोसी देश नेपाल से बड़ी संख्या में रक्सौल आने के मद्देनजर की गई है न कि यह रुटीन वर्क के तहत ऐसा किया गया. नेपाल के लिए भेजी जाने वाली राहत सामग्रियों का निरीक्षण करने के बाद नीतीश ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि चौधरी को विशेष परिस्थिति में रक्सौल में राहत कार्य में लगी सभी सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए वहां भेजा गया है.

उल्लेखनीय है कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग करने वाले वरिष्ठ दलित नेता रमई ने नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद ऐसा नहीं होने पर अपनी नाराजगी पूर्व में सार्वजनिक तौर पर जतायी थी.

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