पटना: अब घर की नानी-दादियां भी पढ़ना-लिखना सिखेंगी. जिन घरों में बुजुर्ग हो चुके वैसे लोग, जो अशिक्षित हैं, उन्हें शिक्षित करने की पहल की जा रही है. इस काम में बच्चों को मदद ली जा रही है. छठी व बारहवीं क्लास के बच्चे अपने-अपने घरों के दादी-नानियों को पढ़ायेंगे. इसके लिए अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. ये कहना है प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद का. वे शनिवार को होटल पाटलिपुत्र अशोक में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे.
उन्होंने बताया कि रोटरी इंडिया ग्लोबल ड्रीम के जरिये बिहार भर में एक लाख अशिक्षित व्यस्कों को शिक्षित किया जाना है. रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन की ओर से देवी संस्थान लखनऊ एंड ग्लोबल क्लास रूम प्राइवेट लिमिटेड की ओर से पाठ्य क्रम तैयार किया गया है. छठी से बारहवीं के बच्चों के बीच किट बांटी जायेगी. इस गरमी के छुट्टी बच्चे किताबों के जरिये अपने-अपने घरों के अशिक्षित नाना-नानी व दादा-दादी को शिक्षित करेंगे.
23 मई से गरमी की छुट्टी उन्होंने बताया कि बिहार के सभी जिलों के स्कूलों में 23 मई से गरमी की छुट्टियां होने जा रही है. छुट्टी होने से पहले सभी जिलों के स्कूलों में पुस्तकें भेजी जायेगी. रोटरी इंडिया के लिटरेसी मिशन के
उपाध्यक्ष कमल सांघवी ने कहा कि पूरे देश में इस योजना को लागू किया जायेगा. इसके तहत 10 लाख व्यस्कों को शिक्षित करने का लक्ष्य है. इसकी शुरुआत बिहार से की जा रही है. मौके पर संजय खेमका, डा. बिंदु सिंह, राके श कुमार, एसोसिएशन के डा. मीना कुमार, डॉ रामाशीष सिंह समेत अन्य उपस्थित रहें.