पटना: पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राजधानी पटना से सटे मनेर के कर्ज में डूबे किसान गजेंद्र सिंह द्वारा सल्फास खाकर आत्महत्या करना सरकार के लिए खतरे की घंटी है. इसे नीतीश कुमार, लालू प्रसाद और सोनिया गांधी के लिए शर्म की बात बताते हुए कहा कि नेपाल दौरा के लिए बेताब मुख्यमंत्री पहले मनेर की सिंधाड़ा पंचायत का दौरा करें.
उन्होंने कहा कि सोमवार को केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव, बिक्रम के विधायक अनिल कुमार, प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य राम वीरेंन्द्र सिंह के साथ मनेर विधान सभा क्षेत्र की सिंधाड़ा पंचायत के सियरभुक्का गांव जाकर गजेंद्र सिंह के परिजनों से मुलाकात की. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार गजेंद्र सिंह पांच बीघा जमीन पट्टे पर लेकर खेती करता था.
उसके ऊपर तीन-चार लाख रुपये का कर्ज भी था. धान खरीद नहीं होने, मौसम की मार तथा कर्ज देने वालों के तकादा से परेशान होकर उसने अपने खलिहान में ही सल्फास की गोली खा कर खुदकुशी कर ली. गजेंद्र सिंह के घर से एक फर्लांग की दूरी पर जदयू के प्रखंड अध्यक्ष सह पंचायत के मुखिया का ओम साईं फूड प्रोडक्ट नामक चावल मिल है, जहां राज्य खाद्य निगम ने धान क्रय केंद्र खोला था. गजेंद्र गिड़गिड़ाता रहा, पर उसका धान नहीं खरीदा गया. कर्ज देनेवालों के दबाव व आंधी-तूफान से फसलों के नुकसान से वह पूरी तरह से टूट चुका था.
नेपाल क्यों जाना चाहते हैं नीतीश : मोदी
पटना. पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि ऐसे समय में वह नेपाल जाना क्यों चाहते हैं जबकि राज्य में आपदा के शिकार हुए लोगों के आंसू पोंछने कहीं नहीं जा सके. नेपाल जाने के लिए बेताब मुख्यमंत्री का दौरा भारत सरकार ने रद्द नहीं बल्कि वहां के हालात के मद्देनजर स्थगित किया गया. अभी नेपाल में जिस तरह की हालत है, वैसी स्थिति में वहां सहायता व राहत भेजे जाने की जरूरत है न कि किसी वीआइपी के दौरे और भ्रमण का यह समय है.
मोदी ने कहा है कि नेपाल से वापस आए प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार और विदेश सचिव ने भी वहां की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार को सलाह दी है कि फिलहाल वहां किसी भी भारतीय राजनेता का जाना उचित नहीं होगा क्योंकि इससे वहां चलाये जा रहे राहत व बचाव कार्य प्रभावित हो सकता है. नेपाल जाने को बेताब कुमार को बताना चाहिए राहत कार्यों के समन्वय के लिए अपने वरीय अधिकारियों को वहां क्यों नहीं भेजा? वे किसी आइएएस अधिकारी को पोखरा और काठमांडु क्यों नहीं भेजे? नेपाल में फंसे लोगों को निकालने के लिए परिवहन निगम की जो बसें भेजी गई, उनमें से एक बस के ड्राइवर की मौत हो गई, राहत सामग्री लेकर जाने वाला कितने ट्रक कहां गए, उसे देखने वाला वहां कोई नहीं था. दरअसल मुख्यमंत्री नीतीष कुमार सस्ती लोकप्रियता के लिए नेपाल दौरा करना चाहते हैं.