होनहार बेटे को ‘साहब’ बनाना चाहता था किसान बाप
– दुर्घटना ने छीन लिये ख्वाब, रोते-रोते बेदम हुए बाप, भाई व मां संवाददाता, पटना मुफलिसी के बुरे दौर में भी झारखंड के नंदलाल साव ने अच्छे ख्वाब देखे थे. तंगहाली के बावजूद बेटों को बेहतर माहौल देकर ‘साहब’ बनाना उनका लक्ष्य था. पहली कामयाबी तब मिली, जब बड़ा बेटा बैंक पीओ में चयनित हुआ. […]
– दुर्घटना ने छीन लिये ख्वाब, रोते-रोते बेदम हुए बाप, भाई व मां संवाददाता, पटना मुफलिसी के बुरे दौर में भी झारखंड के नंदलाल साव ने अच्छे ख्वाब देखे थे. तंगहाली के बावजूद बेटों को बेहतर माहौल देकर ‘साहब’ बनाना उनका लक्ष्य था. पहली कामयाबी तब मिली, जब बड़ा बेटा बैंक पीओ में चयनित हुआ. हौसला बढ़ा और उम्मीदों को पंख लगने लगे. इसके बाद दूसरा हजारीबाग व तीसरा बेटा नरेश पटना में पिछले एक साल से बैंकिंग की तैयारी में जुट गये. अब नंदलाल को लग रहा था कि उसके सपने साकार हो जायेंगे. लेकिन बुधवार को अचानक मुकद्दर ने साथ छोड़ दिया. पल भर में सब कुछ खत्म हो गया. पोस्टमार्टम हाउस पर रो रहे बाप, भाई और मां के रुदन को देख कर हर कोई मर्माहत था. सभी एक-दूसरे को ढाढंस बंधा रहे थे, लेकिन यह दुख किसी से संभल नहीं रहा था. मां की आंखें सुज गयी थीं.