साम्राज्यवादी ताकतों को मजदूर आंदोलन से जवाब

पटना: मजदूर आंदोलनों से ही साम्राज्यवादी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. इसके लिए दक्षिण एशिया को मजदूर आंदोलन को मिल कर साम्राज्यवादी ताकतों का मुकाबला करना होगा. उक्त बातें बुधवार को नेपाल के मजदूर नेता लाल बहादुर पोखरिन ने कही. वे पटना के रवींद्र भवन में एक्टू के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2015 6:54 AM

पटना: मजदूर आंदोलनों से ही साम्राज्यवादी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. इसके लिए दक्षिण एशिया को मजदूर आंदोलन को मिल कर साम्राज्यवादी ताकतों का मुकाबला करना होगा. उक्त बातें बुधवार को नेपाल के मजदूर नेता लाल बहादुर पोखरिन ने कही. वे पटना के रवींद्र भवन में एक्टू के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के मजदूर आंदोलन, खास कर एक्टू आंदोलन ने अपनी मजबूत राजनीतिक वैचारिकता साबित की है.

सम्मेलन ने एक्टू के महासचिव स्वप्न मुखर्जी ने मसविदा दस्तावेज पेश किया, जिस पर पूरे दिन बहस चली. सम्मेलन में ठेकाकर्मियों, निर्माण मजदूरों, निगमकर्मियों और महिला संगठनों के निर्माण और मजबूतीकरण का निर्णय लिया गया. एक्टू ने सभी राज्यों में मजदूरों के बीच राजनीतिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया.

स्वप्न मुखर्जी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जिस तरह से मजदूरों और समाज के अन्य वर्ग पर हमला तेज कर दिया है, उसे देखते हुए देशव्यापी संयुक्त ट्रेड यूनियन आंदोलन शुरू करना जरूरी है. सम्मेलन में 11 सूत्री एजेंडा सर्वसम्मति से पारित किया गया. श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ संघर्ष करने, केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन करने, बीमा, रक्षा और रेलवे में विदेशी निवेश तथा पेंशन फंड के निजीकरण का विरोध करने का निर्णय लिया गया. सम्मेलन में पारित प्रस्ताव में वेलफेयर बोर्ड के पंजीकरण में ट्रेड यूनियन को मान्यता देने की भी मांग की गयी. सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के 60 प्रतिनिधियों ने मसविदा पर हुई परिचर्चा में भाग लिया.

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