पीएमसीएच में तीन माह से फैक्टर की कमी
– ढ़ाई करोड़ का होगा टेंडर, नहीं पहुंच रहे कमेटी के सदस्यसंवाददाता,पटनाहीमोफीलिया मरीजों को फैक्टर के लिए भटकना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों को अपने स्तर से फैक्टर खरीद का निर्देश दिया है, लेकिन अभी तक टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. तीन महीने से पीएमसीएच में दवा की कमी है. […]
– ढ़ाई करोड़ का होगा टेंडर, नहीं पहुंच रहे कमेटी के सदस्यसंवाददाता,पटनाहीमोफीलिया मरीजों को फैक्टर के लिए भटकना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों को अपने स्तर से फैक्टर खरीद का निर्देश दिया है, लेकिन अभी तक टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. तीन महीने से पीएमसीएच में दवा की कमी है. गुरुवार को शिशु विभाग की एचओडी डॉ नीलम वर्मा ने अधीक्षक को पत्र लिखा है कि टेंडर से पहले सभी विभाग के एचओडी की बैठक बुलायी जाये. खास कर वैसे विभाग जिसमें मरीज अधिक आते हैं. पीएमसीएच में हर साल आठ हजार फैक्टर मरीजों को दिया जाता है. इनका बाजार दर लगभग ढ़ाई करोड़ से अधिक है. ऐसे में जब टेंडर की प्रक्रिया होगी,तो 21 सदस्यों में कम से कम 15 सदस्यों का होना जरूरी है. जिस तरह से एक लाख तक की दवा खरीद में दो सदस्य शामिल नहीं हो रहे हैं,तो इतने बड़े टेंडर में कोई कैसे भाग लेगा. अगर 15 सदस्य टेंडर में नहीं आयेंगे,तो टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायेगी. अस्पताल सूत्रों के मुताबिक अगर सदस्य आते हैं तो इसके बाद भी दवा खरीदने में तीन माह से अधिक समय लगेगा. कोट टेंडर से पहले एचओडी की बैठक होगी. पीएमसीएच में हीमोफीलिया मरीजों की संख्या अधिक है. ये ऐसे मरीज हैं जिनके लिए फैक्टर बहुत जरूरी है. अगर हम बिना टेंडर किये 15 हजार तक की दवा अपने स्तर पर खरीदेंगे,तो वह एक दिन में खत्म हो जायेगी. स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों को फैक्टर खरीदने का निर्देश दिया है,लेकिन कोई मेडिकल कॉलेज इसे नहीं खरीदता है. डॉ लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच