हड़ताल तोड़ो, मांगें मानी जायेंगी : शिक्षा मंत्री

पटना : शिक्षक संगठनों के साथ वार्ता के दौरान शिक्षा मंत्री पीके शाही ने गुरुवार को एलान कि मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुशंसा के आलोक में नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दिया जायेगा. नियोजित शिक्षकों के वेतनमान व सेवा शर्तो को लेकर गठित यह कमेटी जो भी अनुशंसा करेगी, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2015 7:03 AM

पटना : शिक्षक संगठनों के साथ वार्ता के दौरान शिक्षा मंत्री पीके शाही ने गुरुवार को एलान कि मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुशंसा के आलोक में नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दिया जायेगा. नियोजित शिक्षकों के वेतनमान व सेवा शर्तो को लेकर गठित यह कमेटी जो भी अनुशंसा करेगी, उसे एक जुलाई, 2015 से लागू कर दिया जायेगा. साथ ही उन्होंने छात्रहित में तत्काल हड़ताल खत्म करने की अपील की. वार्ता के बाद शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने कमेटी की अनुशंसा को एक जुलाई से लागू करने के संबंध में लिखित आश्वासन दिया. इसके बाद प्राथमिक शिक्षक संघ ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की, वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ शुक्रवार को इस संबंध में निर्णय लेगा. उधर नियोजित शिक्षक संघों ने आंदोलन जारी रखने की बात कही है.

शिक्षा मंत्री पीके शाही ने कहा कि एक जुलाई, 2015 से कमेटी की अनुशंसा को लागू करने के लिए विभाग लिखित रूप से दिया है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की हड़ताल से मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है, जिससे मैट्रिक परीक्षा में शामिल करीब 14 लाख छात्र-छात्रओं का भविष्य अधर में है, इसलिए हम इन बच्चों के हित में हड़ताल तोड़ने की अपील कर रहे हैं. अगर एक जुलाई, 2015 से लागू होनेवाली अनुशंसा से वे संतुष्ट न होंगे, तो आंदोलन कर सकते हैं. वर्तमान स्थिति में अगर हड़ताल जारी रहती है, तो मैट्रिक परीक्षा व जुलाई के बाद इसके परिणाम आने का कोई मायने ही नहीं रह जायेगा. बिहार बोर्ड के बच्चों का कॉलेजों समेत बाहर के दूसरे संस्थानों में नामांकन नहीं हो सकेगा.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि वेतनमान की घोषणा सभागार में बैठ कर नहीं की जा सकती. सरकार ने पहल की है और कमेटी का गठन किया है. कमेटी को अनुशंसा के लिए एक महीने का समय दिया गया है, लेकिन मैंने खुद मुख्य सचिव अंजनी कुमार से बात की है और उन्हें अगले 10-12 दिनों में अनुशंसा करने की अपील की है, ताकि मई के आखिर तक इस पर निर्णय लिया जा सके. कमेटी की अनुशंसा के बाद जून तक विभाग, फिर कैबिनेट से हर हाल में निर्णय ले लिया जायेगा और एक जुलाई, 2015 के प्रभाव से उस अनुशंसा को लागू कर दिया जायेगा.

इसके बाद भी नियोजित शिक्षक आंदोलन करना चाहते हैं ,तो हमें इस पर कुछ नहीं कहना है.

श्री शाही ने कहा कि नियोजित शिक्षक आंदोलन में गये, इस पर हम नहीं कहेंगे कि यह नाजायज है या फिर उन्हें नहीं जाना चाहिए था. न ही उन्होंने आंदोलन स्थगित करने की अपील की है, लेकिन जो परिस्थिति है, उसमें शिक्षकों का सहयोग जरूरी है, नहीं तो दिक्कत होगी. सरकार का दायित्व है कि राज्यवासियों के हित में निर्णय ले और नियोजित शिक्षक सरकार के परिवार से बाहर नहीं हैं. जब नीतीश कुमार के नेतृत्ववाली सरकार ने 2006 में नियुक्तियां की हैं, तो वेतनमान व सेवा शर्तो में सुधार भी हम ही देंगे. उन्होंने मांझी सरकार की घोषणा का जिक्र करते हुए कहा कि अगर आज ही हम घोषणा कर दे कि वेतनमान मिलेगा और वह पूरा नहीं हुआ, तो यह तो धोखा होगा. जब हमें वेतनमान देना है, तो पूरा एक्सरसाइज के बाद भी घोषणा करेंगे.

प्राथमिक शिक्षक संघ ने वापस ली हड़ताल माध्यमिक शिक्षक संघ आज लेगा निर्णय

पटना : शिक्षा मंत्री पीके शाही के एलान के बाद प्राथमिक शिक्षक संघ ने गुरुवार की शाम काम पर लौटने का निर्णय लिया. शिक्षा मंत्री पीके शाही के साथ देर शाम हुई वार्ता के बाद संघ के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा ने सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए हड़ताल वापस लेने की घोषणा की. संघ ने दावा किया कि 80} प्राथमिक नियोजित शिक्षक उनके साथ हैं और शुक्रवार से सभी स्कूल खुल जायेंगे. शिक्षा मंत्री के मुताबिक माध्यमिक शिक्षक संघ हड़ताल समाप्त करने की शुक्रवार को घोषणा करेगा. इसके बाद स्कूलों में तालाबंदी खत्म हो जायेगी. इसकी सूचना सरकार को 11:30 बजे मिल जायेगी.

जारी रहेगा नियोजित शिक्षकों का आंदोलन, 11 को जेल भरो अभियान

पटना : इधर नियोजित शिक्षकों ने अपना आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है. बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष नवीन कुमार सिंह व महासचिव केशव कुमार ने कहा कि सरकार ने लिखित आश्वासन व हड़ताल तोड़ने की अपील की है. इस पर संघ ने सरकार को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि हड़ताल वेतनमान के लिए है, न कि आश्वासन के लिए. सरकार के आश्वासन पर रविवार को संघ की कार्यकारिणी की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जायेगा. इस दौरान पहले से घोषित कार्यक्रम के अनुसार आंदोलन चलते रहेंगे. राज्य भर के नियोजित शिक्षक आठ मई को थाली पीट कर अपनी पीड़ा का प्रदर्शन करेंगे. वहीं, नौ मई को सभी जिला मुख्यालयों में बिहार सरकार की शव यात्र निकाली जायेगी और 11 मई को नियोजित शिक्षक सड़क पर उतरेंगे और जेल भरो आंदोलन करेंगे.

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