मोकामा टाल क्षेत्र की फसलों का फिर से होगा सर्वेक्षण

सीएम ने दिया निर्देश पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी डीएम को एक हफ्ते में राहत वितरण के सभी कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया है. प्रमंडल आयुक्त, जिला प्रभारी सचिव व एसपी के साथ तीन घंटे चली वीडियो क ॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री के निर्देश के बारे में आपदा प्रबंधन विभाग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2015 7:40 AM
सीएम ने दिया निर्देश
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी डीएम को एक हफ्ते में राहत वितरण के सभी कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया है. प्रमंडल आयुक्त, जिला प्रभारी सचिव व एसपी के साथ तीन घंटे चली वीडियो क ॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री के निर्देश के बारे में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि पटना के डीएम को मोकामा टाल के क्षेत्र के फसलों के पुन: सर्वेक्षण का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद काफी चीजें सुव्यवस्थित हो गयी हैं. उन्होंने प्रक्रियाओं का पालन करते हुए आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने और राहत वितरण का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भी तैयार रखने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि के चलते फसल का नुकसान हुआ.
इसके लिए हम किसानों को कृषि इनपुट सब्सिडी दे रहे हैं. साइक्लोनिक तूफान से भी बहुत बरबादी हुई. भूकंप से हुई मृत्यु की स्थिति में मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि का भुगतान कराया गया. भूकंप पीड़ितों में राहत का काम पूरा हो चुका है. सीएम ने कहा कि पटना जिला प्रशासन टाल क्षेत्रों में फसल की बरबादी का मूल्यांकन तत्परता से कराये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदाओं से कैसे छुटकारा पाया जाये. इसके लिए तैयारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि इससे बड़ा भूकंप आयेगा. भूकंप कब आयेगा.
यह मालूम नहीं, फिर भी इसके लिये तैयारी होनी चाहिए. भूकंप से प्रभावित मकानों का सर्वे करा कर मकानों की मरम्मत होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक भवनों के स्ट्रक्चरों को देख लेना चाहिये. यदि उपचार की आवश्यकता हो,तो उपचार होना चाहिये. आपदा प्रबंधन का कॉन्सेप्ट आया है. डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान हर विभाग के लिए एवं जिलों के लिये बनाना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत वितरण का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है.
जिला प्रभारी मंत्रियों को वापस बुला लिया गया है. प्रभारी सचिवों को कहा गया था कि वे शुक्रवार एवं शनिवार को जिले में रहें. प्रभारी सचिवों को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि वे सभी आवश्यक राहत कार्यों को पूरा कराकर वापस अपने मूल पदस्थापन के स्थान पर लौट जायें.
बैठक में रक्सौल बेस रिलिफ कैंप की भी चर्चा की गयी और पाया गया कि अब इस बेस रिलिफ कैंप की आवश्यकता नहीं रह गयी है. मुख्यमंत्री ने कि बेस रिलिफ कैंप का प्रभार वरीय उप समाहर्ताओं को सुपुर्द कर वरीय जिलाधिकारी अपने पदस्थापन के स्थान पर लौट आने का निर्देश दिया.
स्पीड ब्रेकर हटाने का मुख्य सचिव ने दिया निर्देश
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि अवैध स्पीड ब्रेकरों को हटाने के लिये अभियान चलायें. जहां पर स्पीड ब्रेकर बनाया जाना अति आवश्यक हो, वहां पर स्पीड ब्रेकर बनाये जाने का निर्णय जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक लेंगे और कैसा स्पीड ब्रेकर बनेगा, इसके लिये निर्देश देंगे.
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि स्थानांतरित अंचलाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को 11 मई तक विरमित करते हुए सरकार को सूचना भेजी जाय कि नये अधिकारी जिन्हें पदभार ग्रहण करना था, उन्होंने पदभार ग्रहण किया अथवा नहीं.
प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन ब्यासजी ने कहा कि आपदा प्रबंधन प्राधिकार हर जिले के लिये डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बना रहा है. उन्होंने संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से बचाव के लिये अधिकारियों को तैयार रहने का भी निर्देश दिया.
उन्होंने बारी-बारी से सभी जिलों में चलाये जा रहे फसल की क्षति के लिये कृषि इनपुट सबसिडी वितरण, भूकम्प से हुये मृत्यु, घायल एवं क्षतिग्रस्त मकानों के लिये सहायता राशि का वितरण एवं चक्रवाती तूफान से हुयी गृह क्षति एवं फसल के नुकसान के लिये राहत वितरण तथा कृषि इनपुट सबसिडी की समीक्षा सभी जिलाधिकारियों के साथ की. उन्होंने बताया कि 623 करोड़ रूपये कृषि इनपुट सबसिडी के रूप में वितरण के लिये जिलों को आवंटित किये जा चुके हैं.
बैठक में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के उपाध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा, विकास आयुक्त एसके नेगी, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, मुख्यमंत्री के सचिव डीएस गंगवार, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी, कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश, सचिव कृषि सुधीर कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, निदेशक कृषि धर्मेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

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