पीजी बीच में छोड़े,तो देना होगा जुर्माना

पीएमसी में पीजी की पढ़ाई छोड़ना पड़ेगा महंगा, स्टाइपेंड समेत देने होंगे पांच लाख प्राचार्य ने की बैठक, विभाग को भेजा प्रस्ताव, आइजीआइएमएस में नहीं हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक पटना : बिहार के जिन मेडिकल कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई होती है. उसके लिए पूर्व से यह व्यवस्था बनी हुई है कि छात्र अगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2015 7:41 AM
पीएमसी में पीजी की पढ़ाई छोड़ना पड़ेगा महंगा, स्टाइपेंड समेत देने होंगे पांच लाख
प्राचार्य ने की बैठक, विभाग को भेजा प्रस्ताव, आइजीआइएमएस में नहीं हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक
पटना : बिहार के जिन मेडिकल कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई होती है. उसके लिए पूर्व से यह व्यवस्था बनी हुई है कि छात्र अगर बीच में पढ़ाई छोड़ते हैं, तो उनको सारा स्टाइपेंड लौटाना होगा.
शुक्रवार को पीएमसी प्राचार्य ने बैठक कर विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें ऐसे छात्रों को स्टाइपेंड के अलावे पांच लाख और नामांकन के समय एक बांड भरना होगा.
जिसमें यह लिखा होगा कि वह बीच में पढ़ाई छोड़ेंगे, तो कहीं नामांकन नहीं लेंगे और अगर ऐसा कोई छात्र करता है, तो उसके ऊपर कार्रवाई की जायेगी. फिलहाल देश के विभिन्न राज्यों में इसके लिए अलग-अलग नियम बने हुए हैं और एम्स में पहले से बीच में पढ़ाई छोड़नेवाले छात्रों को पांच लाख देना पड़ता हैं. जहां तक आइजीआइएमएस में पीजी छात्रों के नये नियम लागू करने की बात है यह पूर्व से वहां लागू हैं क्योंकि एम्स का नियम आइजीआइएमएस में चलता हैं.
बिहार के मेडिकल कॉलेज में पीजी पढ़नेवाले छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं, तो उसे सारा स्टाइपेंड लौटाना पड़ता हैं. पीजी में डिग्री के लिए 15 लाख तक स्टाइपेंड मिलता हैं और डिप्लोमा के लिए 10 लाख का. यह छात्रों को हर माह दिया जाता है. दिल्ली सरकार के मेडिकल कॉलेजों में पांच लाख का बांड भरवाया जाता है.
स्टाइपेंड लौटाने की बात नहीं हैं.
– असम मेडिकल कॉलेज में 20 लाख का बांड, स्टाइपेंड लौटाने की बात नहीं.
– झारखंड में स्टाइपेंड के अलावे तीन प्रतिशत लौटाना पड़ता है.
– पीजीआइ में पांच लाख का बांड भरवाया जाता हैं.
एकेडमिक काउंसिल की कोई बैठक नहीं हुई है, जहां तक इस नियम की बात है यह पूर्व से लागू है और हर राज्य में लागू हैं. संस्थान में सभी नियम एम्स का लागू होता हैं.
डॉ उदय कुमार, प्राचार्य, आइजीआइएमएस
पीजी के छात्र अगर बीच में पढ़ाई छोड़ते हैं, तो उनके लिए हर राज्य में अलग-अलग जुर्माना लगाया जाता हैं. लेकिन, इस जुर्माना से उन छात्रों का भविष्य खराब हो जाता हैं, जिनका नामांकन नहीं हो पाता है. इस कारण से विभाग को यह प्रस्ताव भेजा गया है कि छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ेंगे, तो वह दूसरे जगह नामांकन नहीं लेंगे और साथ में पांच लाख देना पड़ेगा.
डॉ एसएन सिन्हा, प्राचार्य, पीएमसीएच
आइजीआइएमएस प्राचार्य को नहीं मालूम है नियम
आइजीआइएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ उदय कुमार को इसकी जानकारी नहीं है कि पीजी की पढ़ाई बीच में छोड़नेवाले छात्रों को जुर्माना देना पड़ता हैं. आइजीआइएमएस में सभी नियम एम्स का लागू हैं और दिल्ली सरकार के सभी मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के वक्त बांड भरवाया जाता है कि उनको बीच में पढ़ाई छोड़ने पर पांच लाख का जुर्माना देना पड़ेगा.
जहां तक परिसर में एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह निर्णय लेने की बात सामने आयी है यह बिल्कुल गलत हैं. क्योंकि बुधवार को किसी तरह की कोई बैठक परिसर में नहीं हुई है, जिसकी पुष्टि प्राचार्य खुद भी करते हैं.

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