पटना: वेतनमान को लेकर पिछले एक महीने से प्रारंभिक स्कूलों में चल रही तालाबंदी में सिर्फ नियोजित शिक्षक ही हड़ताल पर हैं. प्राथमिक शिक्षक संघ व माध्यमिक शिक्षक संघ की हड़ताल पर जाने की घोषणा के बाद प्रारंभिक व माध्यमिक स्कूलों के वेतनमान वाले शिक्षक हड़ताल पर नहीं गये और जिलों में लिखित रूप से हड़ताल में शामिल नहीं रहने की जानकारी भी दी. इसका खुलासा शनिवार को सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की बैठक में हुआ.
सभी जिलों से आयी रिपोर्ट ने यह साफ किया कि नियोजित शिक्षकों के आह्वान पर नौ अप्रैल से ही प्रारंभिक स्कूलों में चल ही तालाबंदी में करीब 80-90 फीसदी नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. वैसे नियोजित शिक्षक जो पिछले एक साल के अंदर बहाल हुए हैं उन्होंने भी जिलों में लिखित रूप से हड़ताल नहीं करने की सूचना दी है. प्राथमिक शिक्षक संघ व माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर सिर्फ संघ से नजदीकी रूप से जुड़े वेतनमान वाले शिक्षक ही संघ की अपील माना, जबकि अधिकांश जिलों में शिक्षकों ने लिख कर दे दिया कि वे हड़ताल पर नहीं रहेंगे. इसके बाद भी नियोजित शिक्षकों के स्कूल में जबरन तालाबंदी करने की वजह से पठन-पाठन बाधित हो रहा है.
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को वेतनमान व नियोजित वाले ऐसे शिक्षकों, जिन्होंने हड़ताल पर नहीं रहने की लिखित रूप से जानकारी दी है उनके स्कूल का वेरिफिकेशन कर लें कि स्कूल खुल रहा या नहीं और पढ़ाई हो रही है या नहीं. अगर वे नियमित रूप से स्कूल आ रहे होंगे तो उन्हें वेतन दिया जायेगा, नहीं तो इसमें कटौती की जायेगी. बैठक के बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशक आरएस सिंह ने बताया अगर जो शिक्षक कह रहे हैं कि वह हड़ताल पर नहीं हैं और स्कूल भी नहीं जा रहे हैं वैसे शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जायेगा. नियोजित शिक्षकों की हड़ताल का असर मुख्य रूप से दक्षिणी बिहार की अपेक्षा उत्तरी बिहार में है. कई जिलों से मिली सूचना के अनुसार तो अब जो नियोजित शिक्षक स्कूल बंद कराने जा रहे हैं उन्हें ग्रामीण वहां से खदेड़ भी रहे हैं और खुद अपने बच्चों के लिए स्कूल खोल रहे हैं. शिक्षा विभाग ने माना कि नियोजित शिक्षकों की हड़ताल की वजह से पठन-पाठन व मध्याह्न् भोजन योजना प्रभावित हुई है. बैठक में प्रधान सचिव आर. के. महाजन, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आर. बी. चौधरी, उपनिदेशक अजीत कुमार, शिवनाथ प्रसाद मुख्य रूप से शामिल थे.
12 को हाइकोर्ट में शपथपत्र देगा शिक्षा विभाग
नियोजित शिक्षकों की हड़ताल से बिहार में स्कूली शिक्षा और मध्याह्न् भोजन प्रभावित होने के मामले पर शिक्षा विभाग पटना हाइकोर्ट में 12 मई को जवाब देगा. शिक्षा विभाग इसकी तैयारी कर रहा है. सोमवार को माध्यमिक शिक्षक संघ और नियोजित शिक्षक संघों से वार्ता का इंतजार किया जा रहा है. अगर उस दिन माध्यमिक शिक्षक संघ व नियोजित शिक्षक संघों द्वारा हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी जाती है, तो विभाग मंगलवार को स्कूल खोलने और पढ़ाई सुचारू रूप से चलाने का शपथ पत्र देगा. वहीं, अगर हड़ताल खत्म नहीं होती है तो शिक्षा विभाग यह शपथ पत्र देगा कि सरकार की ओर से हड़ताल खत्म करने का काफी प्रयास किया गया. सरकार ने नियोजित शिक्षकों के वेतनमान के लिए कमेटी का गठन भी कर दिया. एक महीने में इसकी रिपोर्ट आनी है. इस कमेटी की अनुशंसा को एक जुलाई से लागू करने की भी लिखित रूप से घोषणा कर दी गयी. सरकार की अपील के बाद प्राथमिक शिक्षक संघ ने हड़ताल वापस ले ली है, लेकिन माध्यमिक शिक्षक संघ व नियोजित शिक्षक संघों ने हड़ताल जारी रखी है. सरकार ने 14 लाख मैट्रिक के परीक्षार्थी के सवाल पर हड़ताल तोड़ने की भी अपील की थी, लेकिन हड़ताल नहीं तोड़ा गया. इसको लेकर शिक्षक संघों को दिये पत्र, अन्य कागजात और समाचार पत्रों में छपी खबर का कतरन को भी विभाग ने अपनी फाइल में तैयार कर रखा है.
एक माह में सर्टिफिकेट की जांच का आदेश
सूबे के वैसे नियोजित शिक्षक जिनके सर्टिफिकेट की जांच अब तक नहीं हो सकी है उनके सर्टिफिकेट की जांच का शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है. सभी डीपीओ की बैठक में जिलों को इसका निर्देश दिया गया. अब तब जो भी नियोजन हुआ है और इसमें जिनके मैट्रिक, इंटर व टीइटी के सर्टिफिकेट की जांच नहीं की गयी है उसकी जांच होगी. जांच के क्रम में जिस शिक्षक के सर्टिफिकेट फर्जी पाये जायेंगे, उस पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि 2010 में सर्टिफिकेट की जांच के बाद ही बहाली की गयी थी. एक महीना में सभी जिलों को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में आ कर उन सर्टिफिकेट की जांच करा लेनी होगी. सोमवार को शिक्षा विभाग की ओर से प्रमंडल व जिला वार तारीखों की घोषणा कर दी जायेगी कि किस दिन किस जिला को बोर्ड ऑफिस पहुंचना है और अपने जिलों के शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच करानी है. इसके बाद फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल शिक्षक नहीं रहेंगे.