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अति पिछड़ों व मुसलिमों को मिलेगी तरजीह

पटना: लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे जदयू के उम्मीदवारों की सूची में इस बार सबसे अधिक अति पिछड़े और मुसलिम उम्मीदवार होंगे. पार्टी अभी से ऐसी सीटों की सूची तैयार कर रही है. सामाजिक समीकरण के हिसाब से उम्मीदवारों की तलाश जारी है. भाजपा कोटे की सीटों पर भी ऐसे ही उम्मीदवार उतारे जायेंगे. […]

पटना: लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे जदयू के उम्मीदवारों की सूची में इस बार सबसे अधिक अति पिछड़े और मुसलिम उम्मीदवार होंगे. पार्टी अभी से ऐसी सीटों की सूची तैयार कर रही है. सामाजिक समीकरण के हिसाब से उम्मीदवारों की तलाश जारी है. भाजपा कोटे की सीटों पर भी ऐसे ही उम्मीदवार उतारे जायेंगे. फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बाद होगा.

2009 के चुनाव में भाजपा ने 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों की इच्छा 2014 के लोकसभा चुनाव लड़ने की है. हालांकि इस पर अभी क ोई खुल कर नहीं बोल रहा. पर, सबकी नजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर टिकी है. राजधानी की सीट पर भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा के मुकाबले उनके स्वजातीय उम्मीदवार को उतारे जाने के कयास लगाये जा रहे हैं. जबकि, राजधानी की दूसरी सीट पाटलिपुत्र पहले से ही जदयू क ी सीटिंग सीट रही है.

मंगनी चल रहे नाराज
सूत्रों के मुताबिक जदयू के 20 सांसदों में अधिकतर को दोबारा उम्मीदवार बनाये जाने पर सहमति बनती दिख रही है. मुजफ्फरपुर और झंझारपुर लोकसभा सीट इसका अपवाद बनेगी. झंझारपुर के वर्तमान जदयू सांसद मंगनी लाल मंडल की जगह दूसरे किसी अति पिछड़े नेता को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा है. वैसे, अंतिम समय में फेरबदल भी हो सकता है. दूसरी ओर, मुजफ्फरपुर के वर्तमान सांसद को जदयू अपने दल से बाहर मान कर चल रहा है. यहां उसे निषाद जाति के मजबूत उम्मीदवार की तलाश है. मिथिलांचल की तीन सीटों में मधुबनी लोकसभा सीट पर किसी मुसलिम को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा है. यह सीट पिछली बार भाजपा को झोली में गयी थी और हुकुमदेव नारायण यादव यहां से सांसद हुए थे. इस बार जदयू अपना उम्मीदवार उतारेगा. इसके लिए मुसलिम उम्मीदवार की तलाश जारी है.

दरभंगा की सीट जदयू के लिए प्रतिष्ठावाली सीट बनती जा रही है. सूत्रों के मुताबिक यहां भाजपा की काट में जदयू भी किसी ब्राrाण उम्मीदवार उतारे जाने का मन बना रहा है. इनमें विधान पार्षद विनोद कुमार चौधरी, पूर्व विधान पार्षद संजय झा के भी नाम चर्चा में हैं. पार्टी का एक तबका भाजपा के विधायक विजय कुमार मिश्र की ओर भी नजर गड़ाये बैठा है. हाल के दिनों में उनके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पक्ष में दिये गये बयान को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है. श्री मिश्र दरभंगा से दमकिपा के टिकट पर सांसद निर्वाचित हो चुके हैं. 2009 के चुनाव में भाजपा की टिकट पर यहां से कीर्ति आजाद सांसद निर्वाचित हुए थे.

दोबारा लड़ सकते हैं शाही
सारण प्रमंडल में सबसे प्रतिष्ठावाली सीट छपरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है. यहां राजद उम्मीदवार लालू प्रसाद के खिलाफ मुसलिम उम्मीदवार दिये जाने के कयास लग रहे हैं. इनमें सबसे ऊपर विधान परिषद के उपसभापति सलीम परवेज के नाम की चर्चा है. महाराजगंज से शिक्षा मंत्री पीके शाही पार्टी के दोबारा उम्मीदवार हो सकते हैं.

सीवान की सीट पर मंथन जारी है. यहां सरकार के एक कैबिनेट मंत्री को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा है. हालांकि, सीवान की राजनीति का आकलन सभी दल पूर्व सांसद और राजद नेता शहाबुद्दीन की संभावित रिहाई से जोड़ कर कर रहे हैं. 2009 के चुनाव में यहां से राजद ने उनकी बेगम हेना शहाब को उम्मीदवार बनाया था. जदयू की ओर से मंत्री वृशिण पटेल उम्मीदवार थे. गोपालगंज से इस बार मंत्री रमई राम जदयू उम्मीदवार हो सकते हैं. 2009 में वे कांग्रेस की टिकट पर उम्मीदवार बने थे. गया की सीट पर भाजपा कोटे की रही है. इस बार जदयू भी दमखम वाला उम्मीदवार उतारेगा.यहां दबी जुबां से विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के नाम की भी चर्चा हो रही है.

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