पटना: जनता परिवार के महाविलय पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि जनता परिवार का विलय निश्चित है. नीतीश कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में सबको बोलने का हक है, लेकिन हकीकत यह है कि अब जनता परिवार के विलय में कोई बाधा नहीं है. उन्होंने कहा कि महाविलय की प्रक्रिया से जुड़ी औपचारिकतायें पूरी होने के बाद चीजें सही रास्ते पर हैं और जल्द ही एक बेहतर परिणाम सबके सामने आयेगा.
मालूम हो कि इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने दिल्ली में कहा कि तकनीकी रूप से विलय की प्रक्रिया लंबी खींच सकती है, जबकि जल्द ही बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में बिहार में गंठबंधन कर चुनाव लड़ना बेहतर विकल्प है. रामगोपाल यादव के इस बयान के बाद छह समाजवादी विचारधारा वाले दलों के विलय की प्रक्रिया फिलहाल टलती मानी जा रही है. जनता परिवार के विलय के भविष्य को लेकर उठ रहे सवालों के बीच नीतीश कुमार ने कहा कि विलय का फैसला किया जा चुका है और इससे पीछे हटने का सवाल ही पैदा नहीं होता. एकीकृत जनता पार्टी के भविष्य को लेकर छाई अनिश्चितता की धुंध को दूर करने का प्रयास करते हुए उन्होंने कहा कि जनता परिवार में छह पार्टियों के विलय के संबंध में निर्णय पहले ही हो चुका है और इससे वापस हटने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
नीतीश कुमार ने अपनी बात के समर्थन में रहीम का एक दोहा उद्धृत किया, धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होये, माली सींचे सौ घड़ा, रितु आये फल होये. एक झंडे और एक चिन्ह के साथ विलय की अंतिम तस्वीर के संबंध में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सब कुछ अपने तय समय पर ही होता है. इस दौरान उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के मामले पर जदयू व राजद के बीच मतभेद से इंकार करते हुए कहा कि चीजें सही दिशा में बढ़ रही हैं. वहीं, नीतीश कुमार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि महाविलय से भाजपा डर गयी है. महाविलय न होने पर भाजपा की खुशी से इस बात का पता चलता है.