डीजे की धुन से हो रही कानों की परेशानी

कुर्था (अरवल). ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी सभी जगह डीजे की धुन सुनायी पड़ती है. शादी-विवाह हो या कोई अन्य कार्यक्रम डीजे की शोर सुनने को अवश्य मिलती है. इससे कानों की परेशानी बढ़ रही है. हालांकि लाउडस्पीकर या डीजे आदि के शोर-शराबे से आसपास के लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए कानून भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2015 5:04 PM

कुर्था (अरवल). ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी सभी जगह डीजे की धुन सुनायी पड़ती है. शादी-विवाह हो या कोई अन्य कार्यक्रम डीजे की शोर सुनने को अवश्य मिलती है. इससे कानों की परेशानी बढ़ रही है. हालांकि लाउडस्पीकर या डीजे आदि के शोर-शराबे से आसपास के लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए कानून भी बनाये गये हैं. इसके तहत तेज आवाज वाले इन उपकरणों को लगाने से पूर्व आसपास के लोगों की इजाजत अवश्य होनी चाहिए. ऐसा नहीं कि आसपास के किसी घर में कोई बीमार हो और उसे तेज आवाज से परेशानी बढ़ जाये, परंतु लोग सारे कायदे-कानून को ताक पर रख कर डीजे का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं. चिकित्सकों का भी कहना है कि डीजे की तेज आवाज कमजोर दिल वाले या दिल की बीमारी वाले के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, साथ ही इससे ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ रहा है. वहीं, क्षेत्र के समाजसेवियों व बुद्धिजीवियों ने प्रशासन से हस्तक्षेप कर डीजे के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की मांग की है.

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