सर, ई टेबुलवा काहे हिल रहा है?

भूकंप : कलेक्ट्रेट लाइवपटना. कलेक्ट्रेट का विकास भवन. मंगलवार को यहां रोजमर्रा की तरह काम निबटाये जा रहे थे. इसी भवन के पहले तल्ले पर स्थित योजना कार्यालय में कुछ सांसद प्रतिनिधियों द्वारा सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सवाल-जवाब चल रहा था. जब 12:35 में भूकंप के झटके लगे, तो योजना पदाधिकारी अजय कुमार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2015 10:05 PM

भूकंप : कलेक्ट्रेट लाइवपटना. कलेक्ट्रेट का विकास भवन. मंगलवार को यहां रोजमर्रा की तरह काम निबटाये जा रहे थे. इसी भवन के पहले तल्ले पर स्थित योजना कार्यालय में कुछ सांसद प्रतिनिधियों द्वारा सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सवाल-जवाब चल रहा था. जब 12:35 में भूकंप के झटके लगे, तो योजना पदाधिकारी अजय कुमार से एमपी के प्रतिनिधि ने पूछा ए सर, ई टेबुलवा काहे हिल रहा है? अरे भागिए महाराज, भूकंप आ गया है. फिर क्या था चंद सेकेंड के अंदर चार तल्ले के इस भवन के सभी कर्मचारी सीढि़यों से बाहर आ गये. इस बीच कई लोग एक-दूसरे को समझा-बुझा भी रहे थे. अरे नहीं डरिये, आराम से उतरिए. इसके बाद एक-एक कर बाकी कार्यालयों से अधिकारी-कर्मचारी निकलना शुरू हो जाते हैं. समाहरणालय पार्किंग प्लेस में आने के बाद लोग एक-दूसरे के चेहरे निहार रहे थे और इस बीच इधर-उधर का दृश्य, देखिए सर देखिए झंडे का डंडवा कैसे हिल रहा है. अरे सर इ तो पेड़वो हिल रहा है. देखो उधर पेड़ के पास मत खड़े रहो और पोल के पास से भी हटो. सबसे ज्यादा डर वहीं पर है. बीच-बीच में लोग अपने स्तर से निर्देश भी जारी कर रहे थे. इस बीच पूरा समाहरणालय खाली हो जाता है. दहशत और भय से चेहरे लगातार पीले पड़ रहे थे और हाथ ईश्वर से दुआओं के लिए उठ रहे थे. दस मिनट तक शांत रहने के बाद कुछ अधिकारी-कर्मचारी फिर से अपने ऑफिस में जाते हैं. पहले झटके के ठीक बारह मिनट के बाद दूसरा झटका लगता है और फिर पूरा समाहरणालय पार्किंग में. 21 मिनट बाद फिर से झटके महसूस होते हैं और अगले एक घंटे तक सभी लोग वहीं पर जमे रहते हैं.

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