इसके बाद एमसीआइ ने उनको आश्वासन दिया, लेकिन देर रात एमसीआइ का जो फैसला आया, वह बिहार के मेडिकल छात्रों के हित में नहीं था.स्वास्थ्य सचिव आनंद किशोर ने बताया कि ऐसी बात है, तो इसके लिए केंद्र सरकार व एमसीआइ को दोबारा से पत्र भेजा जायेगा और हम अंतिम समय तक प्रयास करेंगे कि सभी सीटों पर मेडिकल छात्रों का नामांकन लिया जाये.
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एमसीआइ ने जारी किया फरमान, बेतिया और पावापुरी में एडमिशन पर लगी रोक
पटना: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने बेतिया व पावापुरी मेडिकल कॉलेजों में नये नामांकन पर रोक लगा दी है. इन दोनों कॉलेजों में एमबीबीएस की 100-100 सीटें हैं. दिल्ली में बुधवार को हुई बैठक के बाद एमसीआइ ने राज्य के सिर्फ पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच व दरभंगा मेडिकल कॉलेज को बढ़ी हुई सभी सीटों पर […]
पटना: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने बेतिया व पावापुरी मेडिकल कॉलेजों में नये नामांकन पर रोक लगा दी है. इन दोनों कॉलेजों में एमबीबीएस की 100-100 सीटें हैं. दिल्ली में बुधवार को हुई बैठक के बाद एमसीआइ ने राज्य के सिर्फ पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच व दरभंगा मेडिकल कॉलेज को बढ़ी हुई सभी सीटों पर नामांकन लेने की अनुमति दी, लेकिन मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गया मेडिकल कॉलेजों में बढ़ायी गयी 50-50 सीटों पर पूरी तरह रोक लगाते हुए पुरानी सीटों पर ही नामांकन लेने की अनुमति दी.
इस तरह राज्य के मेडिकल कॉलेजों की कुल 950 सीटों में सिर्फ 600 पर भी एडमिशन होगा. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य सचिव आनंद किशोर ने लगभग एक घंटे तक एमसीआइ के सदस्यों को समझाया और उनको बताया कि आखिर कमियों को दूर करने में कहां टेक्निकल परेशानी आती है. काफी देर तक हुई वार्ता के बाद एमसीआइ ने स्वास्थ्य सचिव से अंडरटेकिंग ली. आनंद किशोर ने तीन माह के भीतर मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को दूर करने का आश्वासन दिया. जहां तक मेडिकल कॉलेज की मूलभूत सुविधाओं में कमी की बात है, उसके लिए भी अपनी योजना की जानकारी देते हुए बताया कि किस मेडिकल कॉलेज में कहां तक काम हो चुका है और कहां किस कारण से काम शुरू नहीं हो पाया है.
मेडिकल कॉलेजों में इन कमियों को लेकर है आपत्ति
– शिक्षकों की 40} कमी
– रेजिडेंट की 37} कमी
– स्त्री व प्रसूति विभाग के ओटी में उपकरण की कमी और 24 घंटे सिजेरियन की सुविधा नहीं
– मुख्य ओटी में पुराने उपकरण से चल रहा काम
– फिजियोलॉजी, फोरेनसिक, कॉम्यूनिटी मेडिसिन में कई तरह कमियां
– लाइब्रेरी का पूरी तरह से नहीं बना होना
– लेर हॉल की कमी
– मरीजों के लिये परिसर में सुविधा नहीं
अब 950 मेडिकल सीटों में से सिर्फ 600 पर नामांकन
पीएमसीएच 150
एनएमसीएच 100
आइजीआइएमएस 100
एएनएमएमसीएच 50
जेएलएमसीएच 50
डीएमसीएच 100
एसकेएमसीएच 50
नोट : सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय,पावापुरी व सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय बेतिया में नहीं होगा नामांकन
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