गंठबंधन में गांठ: राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान पर नीतीश का पलटवार, सभी सीटों पर दावा करे राजद
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा की 145 सीटों पर राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के दावे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. नीतीश कुमार ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के बाद दो टूक कहा कि राजद 243 सीटों पर भी दावा कर सकता है. उसे किसी ने रोका नहीं है. साथ ही उन्होंने […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा की 145 सीटों पर राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के दावे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. नीतीश कुमार ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के बाद दो टूक कहा कि राजद 243 सीटों पर भी दावा कर सकता है. उसे किसी ने रोका नहीं है.
साथ ही उन्होंने एससी-एसटी को प्रोमोशन में आरक्षण पर हाइकोर्ट की रोक के खिलाफ अपील की लालू प्रसाद की मांग पर कहा कि यह मांग करने की जरूरत नहीं थी. सरकार ने खुद अपील में आने का फैसला किया है. इसके पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जिन 145 विधानसभा सीटों पर राजद के प्रत्याशी आगे रहे थे, उन सीटों पर टिकट का दावा किया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधान परिषद् चुनाव में गंठबंधन के संकेत दिये हैं. उन्होंने कहा कि जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को इसके लिए अधिकृत किया गया है. उन्होंने राजद, कांग्रेस व सीपीआइ से बात की है. सीपीआइ वाम मोरचा के साथ मिल कर चुनाव लड़ने जा रही है. अभी सीट शेयरिंग नहीं हुई है और न ही अंतिम निर्णय लिया गया है. बातचीत का सिलसिला जारी है.
एससी-एसटी को प्रोमोशन में आरक्षण पर हाइकोर्ट की रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की मांग से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस मांग की आवश्यकता ही नहीं थी. नीतीश कुमार ने कहा कि एससी-एसटी को प्रोमोशन में आरक्षण हमारी सरकार ने दिया था और यह सुप्रीम कोर्ट की भावना को देख कर फैसला लिया गया था. फिलहाल सिंगल बेंच का जो फैसला आया है, उसके खिलाफ अपील में जाने का सरकार ने निर्णय लिया है. हम देख रहे हैं कि इस फैसला के आने के बाद क्या फलाफल निकलेगा? इसके लिए लीगल ओपिनियन (कानूनी राय) मांगा गया है. जरूरत पड़ी, तो केंद्र के अटॉर्नी जनरल से भी ओपिनियन मांगा जायेगा. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी को प्रोमोशन में आरक्षण में सरकार ने जो फैसला लिया था, वह सही था. इसके लिए कमेटी बना कर अध्ययन कर फैसला लिया गया था. जहां तक हो सकेगा, सरकार अपनी बात रखने को तैयार है.