बिहार में फिर भूकंप का झटका, डरे लोग, एम्स में कल से नया ओपीडी

पटना : शनिवार की शाम (5.04 बजे) एक बार फिर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप का झटका महसूस किया गया. भूकंप का केंद्र नेपाल के रामेछाप में था. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.7 मापी गयी. हालांकि भूकंप के झटके से जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2015 3:14 AM

पटना : शनिवार की शाम (5.04 बजे) एक बार फिर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप का झटका महसूस किया गया. भूकंप का केंद्र नेपाल के रामेछाप में था. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.7 मापी गयी. हालांकि भूकंप के झटके से जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है.

इसके बावजूद लोग डर गये. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक नेपाल के हिमालय जोन में भूकंप का केंद्र बिंदु था, जिसकी गहराई दस किलोमीटर थी. मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एके सेन ने बताया कि नेपाल में अगले एक सप्ताह तक भूकंप के झटके आते रहेंगे, लेकिन इसका असर सूबे में नहीं पड़ेगा. इसका कारण है कि भूकंप की तीव्रता पांच से नीचे ही रहेगी.

झटका आते ही भागने लगे लोग

पटना में कोई खरीदारी कर रहा था, तो कोई अपने कार्यालय में काम. जैसे ही भूकंप का झटका महसूस हुआ, लोग काम छोड़ बाहर की ओर भागने लगे. इसके साथ ही एक-दूसरे से पूछ रहे थे, तुम्हें महसूस हुआ. इतना ही नहीं, अपने रिश्तेदारों को फोन पर भूकंप की सूचना भी देने लगे. हालांकि, आधे घंटे में भूकंप का असर खत्म हुआ और सामान्य दिनों की तरह दिनचर्या शुरू हो गयी.

एम्स में कल से नया ओपीडी

पटना : भूकंप के बाद उत्पन्न समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना में सोमवार से अलग ओपीडी की सेवा शुरू की जायेगी. एम्स के निदेशक डॉ जीके सिंह ने बताया कि कल से एक सप्ताह तक एम्स में इस तरह की सेवा बहाल हो जायेगी. हर दिन दोपहर 12 से एक बजे तक जिनको भूकंप के बाद मानसिक व शारीरिक समस्या है, वह अपना इलाज करा सकते हैं. इसके लिए मरीजों को संस्थान में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है. ऐसे मरीज 117 नंबर कमरे में डॉ सुदीप के यहां आकर इलाज करा सकते हैं.

25 अप्रैल और उसके बाद नेपाल-भारत में आये भूकंप के कारण नेपाल सहित बिहार में बड़ी संख्या में लोगों में चक्कर, उल्टी, डायरिया, भूलने की बीमारी, भय जैसी समस्या महसूस होने लगी है. इस तरह के मरीजों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह आखिर कहां पर जाकर इलाज कराये. मरीजों की समस्याओं को देखते हुए एम्स,पटना ने यह पहल की है और एक सप्ताह तक ऐसे मरीजों को मुफ्त चिकित्सकीय परामर्श देने की घोषणा की है. एम्स द्वारा भूकंप के बाद किये गये अध्ययन में यह पाया गया है कि बिहार के कई जिलों में रहनेवाले 40 फीसदी लोगों में चक्कर, भूख न लगने, डायरिया, भूलने व भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है. एम्स के निदेशक डॉ जीके सिंह ने बताया कि यह एक मनोवैज्ञानिक समस्या है. भूकंप का भय लोगों के मन से नहीं निकला है. जैसे-जैसे समय बीतता जायेगा, मन से यह समस्या समाप्त होती जायेगी. उन्होंने इस तरह की समस्या से ग्रसित लोगों को किसी तरह की दवा नहीं लेने की सलाह दी है.

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