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बेटियों को डोली में विदा करने की हसरत दिल में लिये विदा हो गयी दुनिया से मनेर. दो बेटियों की शादी रचाने के लिए उत्सुक राजकुमारी देवी समय की निकटता को देखते हुए शादी का जोड़ा खरीदने के लिए अहले सुबह घर से बाइक पर सवार होकर पति श्रीभगवान राय के साथ निकली थी. जब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2015 9:05 PM

बेटियों को डोली में विदा करने की हसरत दिल में लिये विदा हो गयी दुनिया से मनेर. दो बेटियों की शादी रचाने के लिए उत्सुक राजकुमारी देवी समय की निकटता को देखते हुए शादी का जोड़ा खरीदने के लिए अहले सुबह घर से बाइक पर सवार होकर पति श्रीभगवान राय के साथ निकली थी. जब हादसे में उसकी मौत की खबर घर पहुंची, तो शादी का माहौल मातम मंे बदल गया. जिन बेटियों के हाथों में मेहंदी लगनेवाली थीं वे हाथ आज अपने कलेजे को पीट रहे थे. एक बेटी रिंकी का ब्याह हल्दी छपरा और दूसरी बेटी मनीषा का ब्याह गौरैया स्थान में होनेवाला था. कुछ महिलाओं का कहना था कि राजकुमारी वट सावित्री पूजा के दिन अपनी कुरबानी देकर पति को जीवनदान दिया. इस दुर्घटना में पति श्रीभगवान राय को हल्की चोटें ही आयी हैं.

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