नहीं मिल रही जमीन, फोर लेन का निर्माण कार्य अधूरा
पटना: देश में जहां दूसरे राज्यों में नेशनल हाइवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (एनएचडीपी) 5 के तहत सड़क बनाये जा रहे हैं, वहीं बिहार में एनएचडीपी 3 का ही निर्माण कार्य अधर में है. राज्य में जमीन नहीं मिलने से फोर लेन बनने का काम अधूरा है. कई एन.एच. के फोर लेन बनने का काम शुरू भी […]
पटना: देश में जहां दूसरे राज्यों में नेशनल हाइवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (एनएचडीपी) 5 के तहत सड़क बनाये जा रहे हैं, वहीं बिहार में एनएचडीपी 3 का ही निर्माण कार्य अधर में है. राज्य में जमीन नहीं मिलने से फोर लेन बनने का काम अधूरा है. कई एन.एच. के फोर लेन बनने का काम शुरू भी नहीं हुआ है. एनएचएआइ से मिली जानकारी के अनुसार हर साल राज्य में लगभग सौ किलोमीटर फोर लेन बनने की स्वीकृति मिलती है. इसके लिए अलग-अलग एन.एच. का चयन कर उस पर काम किया जाता है. किसी नये एन.एच. का फोर लेन बनने का समय लगभग ढ़ाई से तीन साल होता है. बावजूद समय पर काम पूरा नहीं हो पाता है.
किसका क्या हाल
पटना-बक्सर फोर लेन: राज्य में पटना-बक्सर फोर लेनिंग का कार्य तीन वर्ष से अधर में है. सड़क निर्माण के लिए 2012 में टेंडर निकाल कर निर्माण कंपनी तय किया गया,लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण आज तक काम शुरू नहीं हो सका. पटना-बक्सर के बीच 125 किलोमीटर फोर लेन का निर्माण होना है. इसमें एनएच 30 व एनएच 84 शामिल है.
बख्तियारपुर-खगड़िया फोर लेन: बख्तियारपुर-खगड़िया एन.एच.31 फोर लेन बनने के लिए दो बार टेंडर को रदद् किया गया है. पिछले साल अक्तूबर माह के बाद अप्रैल 2015 में टेंडर निकाला गया था. जमीन नहीं मिलने के कारण टेंडर में कोई एजेंसी भाग नहीं ले रही है. पटना-बख्तियारपुर फोर लेन बनने के बाद उसे आगे बढ़ा कर खगड़िया तक ले जाना है. बाइपास होकर फोर लेन बनना है.
मोकामा में गंगा नदी पर सेतु बना कर फोर लेन खगड़िया तक ले जाना
रजाैली-बख्तियारपुर फोर लेन : रजाैली-बख्तियारपुर फोर लेन का निर्माण काम शुरू नहीं हुआ है. जून 2012 में सड़क निर्माण के लिए एग्रीमेंट हुआ था. यह सड़क एन.एच 31 का हिस्सा है. रजाैली-बख्तियारपुर के बीच 107 किलोमीटर फोर लेन सड़क के निर्माण कार्य पर 847 करोड़ अनुमानित खर्च है.
मांग रहे अधिक मुआवजा
राज्य में कई एन.एच. के फोर लेन का काम शुरू तो हुआ, लेकिन पूरा काम होने में बाधा आ रही है. यह बाधा जमीन को लेकर है. जमीन का मुआवजा ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना करने के बाद जमीन अधिग्रहण करने में परेशानी हो रही है. पहले से करार होने के बावजूद लोग जमीन देना नहीं चाह रहे हैं. एनएचएआइ के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि लोग आवासीय या व्यावसायिक उपयोग की जमीन बता कर मुआवजा अधिक मांग रहे हैं. इसे भुगतान करना असंभव है. मुजफ्फरपुर-पूर्णिया एनएच-57 फोर लेन में नरपतगंज के समीप जमीन अधिग्रहण समस्या को लेकर मात्र तीन से चार किलोमीटर फोर लेन सड़क कंपलीट नहीं हुआ है जबकि इसके दोनों ओर सड़क निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इस फोर लेन पर गाड़ियों का आवागमन जारी है. हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच 77 फोर लेन का निर्माण कार्य 90 फीसदी पूरा हो चुका है. शेष कार्य जमीन अधिग्रहण समस्या को लेकर बाधित है. मुजफ्फरपुर से सोनवर्षा तक केवल 10 फीसदी कार्य जमीन अधिग्रहण के पेच में फंसा है. सभी परियोजना पर कार्य एनएचडीपी 3 के तहत हो रहा है.
पहली जनवरी से बढ़ी हुई दर से मुआवजा : एनएचएआइ
अधिग्रहण में मुआवजा वितरण सबसे बड़ी समस्या है. फोर लेन के निर्माण के लिए स्थानीय लोगों से पहले जमीन लेने के लिए एग्रीमेंट हुआ. एग्रीमेंट के अनुसार मुआवजा का वितरण हुआ. मुआवजा की राशि बढ़ाये जाने के बाद फिर से मुआवजा की मांग को लेकर जमीन देने में लोग परेशान कर रहे हैं. एनएचएआइ के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि एनएचएआइ पहली जनवरी 2015 के बाद एग्रीमेंट की गयी जमीन के लिए बढ़ी हुई दर से मुआवजा देने को तैयार है.