पटना: लोजपा सुप्रीमो और केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार में विरोधी दलों के वोट बैंक में दरार आने तथा सितंबर-अक्तूबर में संभावित विधानसभा चुनाव में राजग के दो तिहाई बहुमत से जीतकर सरकार बनाने का दावा करते हुए सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए जिसे भी भाजपा चुनेगी उनकी पार्टी को स्वीकार्य होगा.
लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान और पार्टी के प्रदेश पशुपति कुमार पारस के साथ आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए रामविलास ने सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव में राजग के दो तिहाई बहुमत से जीतकर सरकार बनाने का दावा करते हुए कहा कि राजग के सभी घटक भाजपा, लोजपा और रालोसपा दलों का एक ही मकसद रहेगा कि जो भी सीट हम लड़े जीतने के लिए लड़ें और समय आने पर सभी दल आपस में बैठकर सीटों के बंटावारे को लेकर निर्णय ले लेंगे. यह पूछे जाने पर कि राजग की ओर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा रामविलास ने कहा कि चाहे वह ए, बी, सी, डी, ई, एफ, जी, एच हो जिसके नाम का भाजपा घोषणा कर देगी हम उन्हें मान लेंगे और लोजपा उनका समर्थन करेगी.
भाजपा में मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पसंद के बारे में पूछे जाने पर उस दल में सभी हमारे मित्र हैं और लालू प्रसाद के साथ जब हम लोग थे उस समय रघुवंश प्रसाद सहित अन्य द्वारा कैंची चलायी चलती रहती जिसके कारण हम लोग तनाव में रहते थे. लेकिन भाजपा में शीर्ष से लेकर नीचे तक इसको लेकर कोई तनाव नहीं है क्योंकि उसका और हमारा उद्देश्य अपनी-अपनी पार्टी को मजबूत करना नहीं बल्कि सरकार कैसे हमारी बनेगी. राजग को चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के घोषणा करने के बारे में पूछे जाने पर रामविलास ने कहा कि इस बारे में वे कुछ भी नहीं बोलेंगे क्योंकि भाजपा इसबारे में स्वयं विश्लेषण करने में सक्षम हैं.
पासवान ने कहा कि लोजपा समाज सभी वर्ग-जाति और धर्म का प्रतिनिधित्व करती है और उन्हें सम्मान देती है तथा आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव में सभी समुदाय और वर्गो को ध्यान में रखकर उम्मीदवारों के बारे निर्णय लेगी. उन्होंने कहा कि आगामी जुलाई महीने में होने वाले बिहार विधान परिषद चुनाव और आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर निर्णय लेने के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को अधिकृत किया गया है. इस अवसर पर उपस्थित लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने बताया कि बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में राजग के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे में छह सीटें हाजीपुर, मुंगेर-जमूई, समस्तीपुर, मधुबनी, सुपौल और नालंदा लोजपा को मिलनी चाहिये.
जनता परिवार के विलय के बारे में पूछे जाने रामविलास ने कहा कि वे शुरु से कह रहे थे ऐसा संभव नहीं है और जदयू-राजद के बीच गठबंधन भी नहीं होगा तथा यह मर-जर (अंत और जल जाना) जाएंगे. रामविलास ने कहा कि उनके कथनानुसार कि अंत में इन दलों के बीच लठबंधन होने लगेगा, लाठी अब चलने लगी है. अब तो नीतीश कुमार को कोई नेता भी मानने को तैयार नहीं है. रघुवंश प्रसाद सिंह कहते हैं कि 145 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. इन लोगों समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव को आगे कर दिया पर वे होशियार व्यक्ति हैं वे समझ गये.
रामविलास पासवान ने कहा कि आज की परिस्थिति में जनता परिवार के बाकी पांच दल अगर सपा में विलय करने को तैयार भी हो जाते हैं तो भी मुलायम ऐसा करने के लिए तैयार नहीं होंगे क्योंकि वे समझते हैं कि इससे बखेरा उत्पन्न होगा. शांतिपूर्वक चल रहे हैं और विलय पर बाकी इन पांच दलों के नेता इधर-उधर उछलकूद शुरु कर देंगे.
उन्होंने कहा कि चाहे वह जदयू में बागियों का नेतृत्व कर रहे जीतनराम मांझी या राजद में विक्षुब्दों का नेतृत्व कर रहे पप्पू यादव का गुट हो यह नीतीश और लालू के वोट में दरार है और राजग का वोट तटस्थ है और हम आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव में दो-तिहारी बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं. कांग्रेस के इस बार राहुल गांधी के नेतृत्व में अपने बलबूते बिहार में चुनाव लडने की चर्चा के बारे में पूछे जाने पर रामविलास ने कहा कि यह उनका अंदरूनी मामला है और कांग्रेस की क्यों जनता परिवार का विलय नहीं होने की स्थिति में लालू और नीतीश सभी आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव में अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे. आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव बाद नीतीश के राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछे जाने रामविलास ने कहा कि लालू प्रसाद का राजनीतिक भविष्य समाप्त हो ही गया है इनका भी हो जायेगा.