चुनावी समर: पार्टियां चुनाव के लिए तैयार, जनता की बढ़ेगी परेशानी सितंबर में बाढ़, अक्तूबर में पूजा
संवाददाता,पटना: चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा का चुनाव सितंबर और अक्तूबर में कराये जाने का संकेत तो दे दिया है. लेकिन, बिहार इसके लिए कितना तैयार है इसकी विवेचना शुरू हो गयी है. अमूमन सितंबर महीने में उत्तर बिहार में बाढ का प्रकोप होता है. सितंबर को बरसात का मौसम माना जाता है. बाढ नहीं […]
संवाददाता,
पटना: चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा का चुनाव सितंबर और अक्तूबर में कराये जाने का संकेत तो दे दिया है. लेकिन, बिहार इसके लिए कितना तैयार है इसकी विवेचना शुरू हो गयी है. अमूमन सितंबर महीने में उत्तर बिहार में बाढ का प्रकोप होता है. सितंबर को बरसात का मौसम माना जाता है. बाढ नहीं भी आयी तो इस महीने में भी जन्माष्टमी, विश्वकर्मा पूजा, बकरीद और अनंत पूजा का दिन आता है. अक्तूबर महीने में दूर्गा पूजा का त्योहार है. इन दिनों में सरकारी स्कूल और कार्यालयों में अवकाश का दिन होता है. ऐसे में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की तिथियां सितंबर और अक्तूबर मे ही घोषित कर दी तो राज्यवासियों की परेशानी बढ सकती है. आयोग के लिए भी इतने कम समय में चुनाव की तैयारी पूरा कर लेने और पर्व त्योहारों के बीच चुनाव करा पाना एक चुनौती होगी. 2010 का विधानसभा का चुनाव छह चरणों में कराये गये थे. इस बार भी सुरक्षा के मददेनजर कम से कम छह चरणों में मतदान कराया जायेगा.
ऐसे में पर्व त्योहार और बाढ की आशंका के बीच मतदान की तिथियां तय करना आयोग के लिए अलग चुनौती होगी. आयोग ने 2010 के चुनाव की घोषणा छह सितंबर, 2010 को की थी. 2010 में पहले चरण की अधिसूचना 27 सितंबर को जारी की गयी थी. इसी दिन से नामांकन का काम भी आरंभ हो गया था. अंतिम चरण का मतदान 20 नवंबर को कराया गया था. 24 नवंबर को मतों की गिनती करायी गयी थी.
पूर्व की तारीखों पर भी ध्यान दे : जदयू
पटना. सितंबर-अक्तूबर में बिहार विधानसभा चुनाव के संकेत मिलने के बाद जदयू के प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग को पूर्व के चुनावों की तिथि पर ध्यान देना चाहिए. 24 नवंबर से पहले सरकार का गठन करना करना है. सितंबर में कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति और अक्तूबर महीने में कई पर्व-त्योहार रहते हैं. ये दोनों चीजें किसी के नियंत्रण में तो नहीं है. यह प्राकृतिक है. ऐसे में चुनाव आयोग को बाढ़ की स्थिति और पर्व त्योहार की तारीखों को देखते हुए चुनाव के लिए अंतिम तारीखों का एलान करना चाहिए. साथ ही चुनाव आयोग की यह भी सोच होनी चाहिए कि इससे मतदाताओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो.
पूजा को ध्यान में रखकर तिथि की हो घोषणा : भाजपा
पटना. बिहार विधानसभा चुनाव की तिथि सितंबर और अक्तूबर में होने के कारण आम लोगों को परेशानी हो सकती है. हालांकि राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम का स्वागत किया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा है कि चुनाव आयोग को मतदान की तिथि दशहरा पर्व को देखते हुए रखना चाहिए. क्योंकि दशहरा पर्व में दस दिनों तक लोग अत्यधिक व्यस्त रहते हैं. बारिश और बाढ़ के कारण परेशानी के बारे में उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इससे अवगत है. इसलिए मतदान में कोई परेशानी नहीं होगी.
जब चाहे करा ले चुनाव, हम तैयार : राजद
पटना. राजद के प्रधान महासचिव मुंद्रिका सिंह यादव ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग जब चाहे चुनाव करा ले. चाहे वह बाढ़ का मौसम हो, गरमी का मौसम हो या ठंड का समय हो. राजद चुनावी मैदान में उतरने के लिए हर वक्त तैयार है. राजद की चुनावी तैयारी में किसी तरह की कमी नहीं है. राजद की सेना तैयार है, बस आयोग इसकी तिथि की घोषणा करे. यह अब आयोग के विवेक पर निर्भर है कि वह कब चुनाव कराता है.
बढ़ जायेगी परेशानी, पर पार्टी तैयार : कांग्रेस
पटना. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी तैयार है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने अभी चुनाव की तिथि निर्धारित नहीं की है. आयोग सितंबर-अक्तूबर माह में राज्य में बाढ़ की स्थिति, पर्व-त्योहार को देखते हुए तिथि का निर्धारण करेगा. अक्तूबर में चुनाव होने से पर्व-त्योहार के समय लोगों को परेशानी बढ़ सकती है. ऐसे चुनाव आयोग चुनाव कराने के लिए स्वतंत्र है. अगर चुनाव की तिथि घोषित होती है, तो कांग्रेस इसके लिए तैयार है.
जुलाई-अगस्त में हो चुनाव : रालोसपा
पटना. रालोसपा के मीडिया प्रवक्ता मनोज लाल दास मनु ने कहा कि सितंबर-अक्तूबर में चुनाव होने से लोगों की परेशानी को देखते हुए पार्टी ने जुलाई-अगस्त में चुनाव कराने का आग्रह किया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने जुलाई-अगस्त में चुनाव होने की बात कही है. श्री मनु ने कहा कि अक्तूबर माह में पर्व-त्योहार के अवसर पर लोग अपने-अपने घर को लौटते हैं. चुनाव के समय वाहनों का परिचालन ठप रहता है. ऐसे में लोगों की परेशानी बढ़ेगी. लोगों की सुविधा को देखते हुए जुलाई-अगस्त माह में चुनाव होना अच्छा है.
सितंबर
दिन पर्व
5 सितंबर जन्माष्टमी
17 सितंबर विश्वकर्मा पूजा
26 सितंबर बकरीद
27 सितंबर अनंत पूजा
अक्तूबर
दिन पर्व
02 अक्तूबर गांधी जयंती
13 अक्तूबर कलश स्थापन
22 अक्तूबर विजयादशमी
25 अक्तूबर मुहर्रम