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.. अब शरद यादव ने कहा, हो चुका है विलय

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से जनता परिवार के विलय को लेकर गहराते शंका को दरकिनार कर दिये जाने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने मंगलवार को कहा कि विलय तो हो चुका है और अब गठबंधन की बात करना बेईमानी होगी. मालूम हो कि इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश […]

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से जनता परिवार के विलय को लेकर गहराते शंका को दरकिनार कर दिये जाने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने मंगलवार को कहा कि विलय तो हो चुका है और अब गठबंधन की बात करना बेईमानी होगी. मालूम हो कि इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल कहा कि जदयू, राजद, सपा समेत जनता परिवार के छह दलों के विलय में कोई तकनीकी अड़चन नहीं है.

पटना में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए शरद यादव ने कहा कि जनता परिवार के छह दलों का विलय एलानिया हो चुका है जिसके मुखिया मुलायम सिंह यादव होंगे. विलय की प्रक्रिया में तकनीकी दिक्कतों के बारे में पूछे जाने पर शरद यादव ने उसे खारिज करते हुए कहा कि अब गठबंधन की बात करना बेईमानी होगी. गौर हो कि जनता परिवार के विलय को लेकर गठित इन छह दलों की कमेटी, जिसके सदस्य रामगोपाल यादव भी हैं. उन्होंने बीते दस मई को दिये गये अपने बयान में कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व तकनीकी कारणों से विलय की कोई संभावना नहीं है, अगर हम जल्दबाजी में विलय करते हैं तो यह अपने दलों के लिये डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने के समान होगा. इस संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए शरद यादव ने कहा कि कोई समङो या नहीं समङो जनता समझ रही है कि विलय हो चुका है. उल्लेखनीय है कि मध्य जुलाई में बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के संबंध में पार्टी की ओर से आज शाम आयोजित बैठक में भाग लेने के लिए शरद यादव पटना आये हैं.

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते अप्रैल महीने में जनता परिवार की अंतिम बैठक में छह सदस्यीय समिति गठित की गयी थी. समिति को चुनाव चिह्न और पार्टी के झंडे संबंधी अपनी अनुशंसाएं मुलायम सिंह यादव को देनी है. मालूम हो कि शरद यादव भी इसके सदस्य हैं. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने रामगोपाल के उक्त कथन की ओर इशारा करते हुए गत 14 मई को कहा था कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए गठबंधन बनाकर या जैसे भी संभव हो इस वर्ष के अंत में होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.

गौर हो कि पुराने जनता परिवार से अलग हुई समाजवादी पार्टी, जदयू, राजद, जद(एस), आईएनएलडी और समाजवादी जनता पार्टी के विलय का प्रयास चल रहा है और नीतीश कुमार इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. नीतीश ने कल कहा था कि उनकी जानकारी के मुताबिक विलय में कोई तकनीकी रुकावट नहीं है. चैप्टर अभी भी बंद नहीं हुआ और वे सुझाव देंगे कि समाजवादी प्रमुख मुलायम सिंह यादव इसबारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए जल्द बैठक बुलाएं.

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