जनसंख्या स्थिरीकरण पर सभापति बोले सिविल सोसायटी की भूमिका महत्वपूर्ण

विप की बाल संरक्षण महिला सशक्तीकरण समिति ने आयोजित की कार्यशाला पटना : विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि रोकने में सिविल सोसाइटी की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी समस्या है. जनसंख्या वृद्धि का बोझ परिवार पर पड़ता है. विधान परिषद की कमेटी इस तरह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2015 7:52 AM
विप की बाल संरक्षण महिला सशक्तीकरण समिति ने आयोजित की कार्यशाला
पटना : विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि रोकने में सिविल सोसाइटी की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी समस्या है. जनसंख्या वृद्धि का बोझ परिवार पर पड़ता है. विधान परिषद की कमेटी इस तरह के महत्वपूर्ण विषय पर कार्यक्रम करती रहती है.
विधान परिषद की बाल संरक्षण महिला सशक्तीकरण समिति की ओर से ‘ बिहार में जनसंख्या स्थिरीकरण व चुनौतियां ’ विषय पर आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर सभापति बोल रहे थे.
समाज कल्याण मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि रोकना केवल सरकार के वश की बात नहीं है. इसके लिए समाज में हर महिला व पुरुष को सोचना होगा. नयी युवा पीढ़ी को जागरूक होना जरूरी है. शिक्षा,स्वास्थ्य के प्रति चेतना व जागरूकता आदि बढ़ने के बावजूद जनसंख्या दर अधिक है. इस पर सोचने की जरूरत है. महिलाएं आज भी अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं. इसके लिए घर में सबको मिल कर निदान निकालना होगा.
सरकार की ओर से जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए कई स्कीम चलाये जा रहे हैं. विधान पार्षद हरेंद्र प्रताप पांडेय ने कहा कि वर्ष 1961 से 1991 तक देश की जनसंख्या वृद्धि दर से बिहार का जनसंख्या वृद्धि दर कम रहा. वर्ष 1991 के बाद 20 साल में जनसंख्या वृद्धि दर में काफी वृद्धि हुई, जबकि इस दौरान जनसंख्या को रोकने के लिए खूब प्रचार-प्रसार भी हुआ. यह जांच का विषय है. कहीं बाहर के लोग तो नहीं आ रहे हैं. रोजगार के लिए बिहार से बड़ी संख्या में लोग बाहर पलायन किये हैं. फिर भी जनसंख्या बढ़ी है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता विधान पार्षद किरण घई ने की. उन्होंने कहा कि यह समस्या बहुआयामी है. जनसंख्या वृद्धि का विपरीत असर पड़ता है. विकास बाधित होता है. शिक्षा का अभाव, आर्थिक स्वावलंबी नहीं होना, महिलाएं निर्णय लेने में सक्षम नहीं, सामाजिक अवधारणा आदि जनसंख्या वृद्धि का कारण है. महिला के साथ पुरुष को सम्यक निर्णय लेने की जरूरत है. फैमिली प्लानिंग की व्यवस्था को कारगर बनाना होगा.
सामाजिक क्षेत्र में काम करनेवाली स्वयं सेवी संस्था को आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने 2005 में जनसंख्या नीति घोषित की, लेकिन उसके क्रियान्वयन के लिए कोई प्रयास नहीं किया. कार्यशाला में महिलाओं से संबंधित डॉक्यूमेंटरी फिल्म दिखायी गयी.
पॉपूलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के निदेशक संजय पांडेय महिला सशक्तीकरण में परिवार कल्याण कार्यक्रम की भूमिका प्रमुख है. स्वास्थ्य विभाग के राज्य परिवार कल्याण कार्यक्रम पदाधिकारी मो. सज्जाद अहमद ने फैमिली प्लानिंग में सरकार की ओर से मिलनेवाले आर्थिक लाभ की जानकारी दी.
पंचायती राज विभाग के निदेशक कुलदीप नारायण ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जन्म दर कंट्रोल करना जरूरी है. शिक्षा विभाग के योगेश मिश्र ने बालिका शिक्षा के लिए चलायी जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी दी. निदान के रेंजी जॉर्ज जोसेफ ने जनसंख्या नीति की विस्तार से चर्चा की.

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