बिहार : होमगार्ड जवानों ने किया चक्का जाम, गांधी सेतु पर लगे जाम से बीमार महिला की एम्बुलेंस में हुई मौत
पटना : अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर डटे होमगार्ड के जवानों ने बुधवार को चक्का जाम कर शहर के मुख्य मार्गो पर यातायात व्यवस्था को पूरी तरह से ठप कर दिया. राजधानी के मुख्य मार्ग स्टेशन गोलंबर, आयकर गोलंबर सहित अनेक इलाकों में जाम की स्थिति हो गयी. अचानक वाहनों की अत्यधिक संख्या होने […]
पटना : अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर डटे होमगार्ड के जवानों ने बुधवार को चक्का जाम कर शहर के मुख्य मार्गो पर यातायात व्यवस्था को पूरी तरह से ठप कर दिया. राजधानी के मुख्य मार्ग स्टेशन गोलंबर, आयकर गोलंबर सहित अनेक इलाकों में जाम की स्थिति हो गयी. अचानक वाहनों की अत्यधिक संख्या होने के कारण सड़कों पर वाहनों की लंबी लाइन लग गयी. इससे शहर के नागरिकों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जानकारी के मुताबिक हाजीपुर में होमगार्ड जवानों के सड़क जाम किये जाने के कारण समय पर एंबुलेंस नहीं अस्पताल नहीं पहुंच सकी और एक मरीज की मौत हो गयी. जानकारी के मुताबिक, एम्बुलेंस में एक महिला रोगी थी, जिसे उसके परिजन सीवान से पटना इलाज के लिए ले जा रहे थे.
बिहार में गत 15 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गये 53 हजार होमगार्ड जवान के प्रदेश में किये गये चक्का जाम आंदोलन के दौरान प्रदेश में रेल एवं सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. होमगार्ड जवान अपने दैनिक भत्ते और सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. होमगार्ड के जवानों की ओर से हाजीपुर में किये गये सड़क जाम के दौरान एक मरीज को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस नहीं निकल सकी और मरीज की रास्ते में ही मौत हो गयी. बिहार के सभी 38 जिलों में होमगार्ड जवानों के अपने चक्का जाम आंदोलन के दौरान सड़क और रेल यातायात को बाधित किए जाने के बीच गृह रक्षा वाहिनी और अग्शिमन सेवा के महानिदेशक पीएन राय ने उनसे शीघ्र ड्यूटी पर लौट आने की अपील की है. राय ने कहा कि सरकार होमगार्ड जवानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी. होमगार्ड जवानों की हड़ताल के मद्देनजर पुलिसिंग सुनिश्चित करने तथा कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए जिला शस्त्र बल, बिहार सैन्य बल, सैप और सीआरपीएफ की मदद से वैकल्पिक प्रबंध किये गये हैं.
पुलिस सूत्रों के अनुसार होमगार्ड जवानों की हड़ताल के कारण बिहार के सभी 38 जिलों में से पटना, भोजपुर, बक्सर, वैशाली, सीवान, सारण, सीतामढी, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, गया और नालंदा सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. अपने चक्का जाम आंदोलन के दौरान होमगार्ड जवानों ने आज किशनगंज में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 31 को कई घंटों तक बाधित किये रखा. प्रदेश की राजधानी पटना में भी होमगार्ड जवानों ने कई स्थानों पर यातायात को बाधित किया जबकि पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया में उन्हांेने पुलिस पर पथराव भी किया.
रेल पुलिस महानिरीक्षक अमित कुमार ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के पटना, आरा, जहानाबाद और डेहरी-आन-सोन में रेल पटरियों पर धरना दिए जाने से ट्रेनों के आने-जाने में बाधा उत्पन्न हुई. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मोतिहारी में सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन को और कटिहार में दो सवारी ट्रेनों को कुछ देर तक रोके रखा. अमित ने बताया कि सभी महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर राजकीय रेल पुलिस बल की तैनाती की गयी है. नई दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग और लंबी दूरी की ट्रेनें बाधित नहीं हुई हैं. जिन स्थानों पर भी रेल यातायात को बाधित किया था वहां ट्रेनों का परिचालन बाद में शुरु हो गया.
वहीं, बिहार गृह रक्षा वाहिनी संघ के अध्यक्ष अरुण कुमार ठाकुर ने अपने आंदोलन को पूरे प्रदेश में सफल होने का दावा करते हुए कहा कि यह सभी होमगार्ड जवानों की एकजुटता तथा राज्य सरकार उनकी मांगों को स्वीकार करे इसको लेकर उनके कृत संकल्प को प्रदर्शित करता है. ठाकुर ने कहा कि अपने आंदोलन को और भी धारदार बनाने के लिए वे कल से जेल भरो अभियान छेड़ेंगे.
गौरतलब है कि 1947 में अपने गठित बिहार गृह रक्षा वाहिनी के जवानों को दैनिक भत्ते के तौर पर 300 रुपये दिए जाते हैं, पर उसे वे बढ़ाकर 500 रुपये किए जाने, सेवानिवृत्ति की आयु सीमा को 58 से बढाकर 60 वर्ष किए जाने, सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त तीन लाख रुपये दिए जाने तथा ड्यूटी के दौरान मौत होने पर मुआवजा के तौर पर दस लाख रुपये दिए जाने की मांग कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त होमगार्ड प्रतिदिन भोजन के लिए 50 रुपये दिए जाने तथा उनकी सेवा बिहार पुलिस के तर्ज पर नियमित किए जाने की मांग भी कर रहे हैं.