पटना: जनता परिवार के विलय के मार्ग में बाधाओं को दूर करने के एक और प्रयास के तहत होने वाली घटक दलों की बैठक से एक दिन पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने गुरुवार को जदयू के लिए यह कहकर असहज स्थिति पैदा कर दी कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को भाजपा के खिलाफ व्यापक एकता का हिस्सा होना चाहिए.
मालूम हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोधी माने जाने वाले जीतनराम मांझी ने खुद को मुख्यमंत्री पद से अपदस्थ किये जाने के बाद हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा हम बनाया है और उनका झुकाव भाजपा की ओर बताया जाता है. दिल्ली में कल 22 मई को होने वाली जनता परिवार के घटक दलों की संभावित बैठक में शामिल होने के लिए रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर लालू ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, हम भाजपा के खिलाफ दलों की व्यापक एकता चाहते हैं जिसमें मांझी सहित हर कोई आगे आयेगा. राजद प्रमुख ने कहा, यह विलय हो या गठबंधन, भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए दलों की व्यापक एकता की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि मांझी और अन्य इसके लिए आगे आयेंगे.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल के लोकसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय के बाद खुद इस्तीफा देकर मांझी को उत्तराधिकारी बनाने वाले नीतीश ने लालू के इस बयान पर मीडिया से बात नहीं की. भाजपा के खिलाफ व्यापक एकता के लिए मांझी को दिए गए लालू के आमंत्रण से जदयू खुश नहीं है जो इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले विलय की औपचारिकताओं को पूरा करने को उत्सुक है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मांझी को भाजपा से उनकी कथित निकटता के चलते इस परदिृश्य में लाने का कोई सवाल ही नहीं है.