profilePicture

केंद्र व बिहार सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान कर रहें आत्महत्या : माले

आत्म हत्या पर अंकुश लगाने में सरकार की विफलता के खिलाफ 23 को चक्का जाम करेगी माले मृतक किसान रमेश सिंह के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दे सरकार संवाददाता, पटना केंद्र और बिहार सरकार की गलत कृषि नीति के कारण आज किसान आत्म हत्या करने को मजबूर हो रहे हैं. मनेर, गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2015 8:05 PM

आत्म हत्या पर अंकुश लगाने में सरकार की विफलता के खिलाफ 23 को चक्का जाम करेगी माले मृतक किसान रमेश सिंह के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दे सरकार संवाददाता, पटना केंद्र और बिहार सरकार की गलत कृषि नीति के कारण आज किसान आत्म हत्या करने को मजबूर हो रहे हैं. मनेर, गया और नौबत पुर में अब-तक कर्ज के बोझ तले दबे तीन किसानों ने आत्महत्या की है. किसानों में बढ़ रही आत्म हत्या की यह प्रवृति खतरनाक है. इस प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिए न केंद्र सरकार गंभीर है, न बिहार सरकार. किसानों की आत्म हत्या की घटना पर उक्त बातें गुरुवार को माले के राज्य सचिव कुणाल ने कही. उन्होंने बताया कि किसानों की आत्म हत्या की घटनाओं पर अंकुश लगाने में सरकार की विफलता के खिलाफ माले और किसान सभा पटना में 23 मई को चक्का जाम करेगी. यही नहीं, 25 मई को वाम दलों का संयुक्त आंदोलन होगा और 26 मई को राष्ट्रव्यापी विश्वासघात दिवस मनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि भाकपा माले ने नौबतपुर के चेचौल में आत्म हत्या की घटना की जांच के लिए माले ने अपनी टीम भेजी थी. टीम ने अपनी रिपोर्ट में किसान रमेश सिंह की आत्म हत्या की वजह कर्ज का दवाब होना बताया है. रमेश सिंह की पत्नी चिंता देवी ने विषपान कर जान देने की कोशिश की थी, किंतु वह बच गयी. उनका इलाज चल रहा है. जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रमेश सिंह ने फसल क्षति के लिए आवेदन भी दे रखा था, किंतु उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. माले ने केंद्र व राज्य सरकार से किसानों की कर्ज माफी, बटाईदार किसानों की फसल क्षति का मुआवजा देने और मृतक रमेश सिंह के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है.

Next Article

Exit mobile version