मुसलिम उपमुख्यमंत्री के साथ अन्य मांगों पर राजनैतिक दलों को विचार करना होगा
– जुलाई के अंतिम सप्ताह में महापंचायत में शामिल होंगे एमआइएम प्रमुख सैयद असदउद्वीन ओवैसीसंवाददाता, पटनामुसलमानों के साथ धर्मनिरपेक्षता के नाम पर बड़े पैमाने पर नाइंसाफी की गयी है. महापंचायत में आकर मुझे एहसास हुआ कि आजादी के 67 वर्षों के बाद आज मुसलमानों ने अपनी जागरूकता की परिचय दिया. जिसके कारण मुसलमानों के वोट […]
– जुलाई के अंतिम सप्ताह में महापंचायत में शामिल होंगे एमआइएम प्रमुख सैयद असदउद्वीन ओवैसीसंवाददाता, पटनामुसलमानों के साथ धर्मनिरपेक्षता के नाम पर बड़े पैमाने पर नाइंसाफी की गयी है. महापंचायत में आकर मुझे एहसास हुआ कि आजादी के 67 वर्षों के बाद आज मुसलमानों ने अपनी जागरूकता की परिचय दिया. जिसके कारण मुसलमानों के वोट को इस्तेमाल कर उसे किनारे कर देने वाले राजनैतिक दलों के होश उड़ गये हेंगे. यह बातें शुक्रवार को बिहार मुसलिम महापंचायत को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने कही. अंजुमन इस्लामिया हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री एजाजुल हक ने कहा कि मुसलिम समाज के समर्थन के बिना कोई भी सेकुलर पार्टी अपनी सरकार बिहार में नहीं बना सकती है. अध्यक्षता करते हुए मो अशरफ ने कहा कि पूरे बिहार में महापंचायत लगाने की आवश्यकता है और इसके बाद जो फैसला मुसलिम समाज करेगा वो राजनैतिक दलों को मानना ही पड़ेगा. सभा का संचालन करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अख्तर नेहाल ने कहा कि बिहार में मुसलमानों को आरक्षण, पेश इमाम और मोअज्जीन, धारा 341, मुसलिम उपमुख्यमंत्री इत्यादि मांगों पर राजनैतिक दलों को विचार करना होगा. अन्यथा मुसलिम समाज उनका बहिष्कार करेगा. प्रधान महासचिव नेहास अहमद ने कहा कि बिहार का दौरा मोकम्मल करने के बाद सियासी मुकद्दर का फैसला होगा. जुलाई के अंतिम सप्ताह में एमआइएम के सैयद असदउद्वीन ओवैसी मुख्य अतिथि के तौर पर महापंचायत में शामिल होंगे. मौके पर बिहार से मुसलिम समाज के सामाजिक कार्यकर्ता, राजनैतिक कार्यकर्ता, प्रोफेसर, डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी समाज के लोग मौजूद थे.