बिहार में आत्महत्या के मामले 44.69% बढ़े, पारिवारिक समस्या, शादी और रोमांटिक रिलेशनशिप के कारण ज्यादा खुदकुशी
पटना : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में बिहार में आत्महत्या के मामलों में 44.69 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. साल 2018 में जहां आत्महत्या के कुल 443 मामले सामने आये थे. वहीं, साल 2019 में कुल 641 मामले सामने आये.
पटना : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में बिहार में आत्महत्या के मामलों में 44.69 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. साल 2018 में जहां आत्महत्या के कुल 443 मामले सामने आये थे. वहीं, साल 2019 में कुल 641 मामले सामने आये.
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार का नंबर देश में दूसरा है, जहां सबसे कम आत्महत्या के मामले साल 2019 में आये. बिहार से ऊपर सिर्फ लक्षद्वीप है. जहां प्रति लाख की आबादी में 0.0 फीसदी आत्महत्या के मामले आये. जबकि, बिहार में आत्महत्या दर मात्र 0.5 फीसदी रही. यह राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है. राष्ट्रीय औसत 10 फीसदी से ऊपर है.
वहीं, बिहार में कुल 641 आत्महत्या के मामलों में पारिवारिक समस्याओं के कारण 234 आत्महत्या के मामलों के साथ बिहार देश भर में 10वें स्थान पर रहा. कुल मिलाकर 160 पुरुषों और 74 महिलाओं ने साल 2019 बिहार में पारिवारिक समस्याओं के कारण आत्महत्या की.
एनसीआरबी के मुताबिक, शादी से संबंधित मामलों के कारण आत्महत्या राज्य का दूसरा सबसे बड़ा कारण है. कुल 111 आत्महत्या के मामले विवाह से जुड़े मामलों के कारण हुए. इनमें दहेज, विवाहेतर संबंध, तलाक और अन्य शामिल थे.
59 पुरुषों और 42 महिलाओं के साथ रोमांटिक रिलेशनशिप तीसरा बड़ा कारण सामने आया है. चौथे सबसे बड़ा कारण विफलता सामने आयी है. जिसके कारण 58 लड़कों और 37 लड़कियों ने आत्महत्या की.