मांगी गयी सूचना बिना अनुवाद उपलब्ध कराएं
पटना : राज्य सूचना आयुक्त विजय कुमार वर्मा ने गृह विभाग को निर्देश दिया कि आरटीआइ के तहत दूसरी भाषा में भी जो सूचना मांगी जाये, उसे उसी रूप मेंदी जाये. यह आवश्यक नहीं है कि उसका अनुवाद कर हिंदी में उपलब्ध करायी जाये. यह निर्देश जनार्दन सिंह बनाम प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह प्रधान सचिव […]
पटना : राज्य सूचना आयुक्त विजय कुमार वर्मा ने गृह विभाग को निर्देश दिया कि आरटीआइ के तहत दूसरी भाषा में भी जो सूचना मांगी जाये, उसे उसी रूप मेंदी जाये.
यह आवश्यक नहीं है कि उसका अनुवाद कर हिंदी में उपलब्ध करायी जाये. यह निर्देश जनार्दन सिंह बनाम प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह प्रधान सचिव गृह (आरक्षी) विभाग की सुनवाई में दी गयी.
सुनवाई के दौरान यह प्रावधान किया गया है कि गिरफ्तारी करते समय प्रत्येक पुलिस अधिकारी का यह कर्तव्य है कि अपने नाम का सही, दिखने योग्य व सप्ष्ट पहचान रखेगा, जो उसकी पहचान रखेगा जो उसकी पहचान को सहज करे. गिरफ्तारी का ज्ञापन तैयार करेगा जिसकी कम से कम एक ऐसे गवाह द्वारा प्रमाणित किया जायेगा जो गिरफ्तारी व्यक्ति के परिवार का सदस्य हो या उस स्थान का सम्मानित सदस्यो, जहां गिरफ्तारी की गयी है.
गिरफ्तार व्यक्ति द्वारा काउंटर साइन किया जायेगा और गिरफ्तार व्यक्ति को यह सूचना दिया जायेगा. जब तक ज्ञापन उसके परिवार के सदस्य द्वारा प्रमाणित नहीं किया जाये, उसके द्वारा बताये गये रिश्तेदार या मित्र को अपनी गिरफ्तारी की सूचना देने का अधिकार है. जिन धाराओं के तहत सामान्य लोगों को सूचना दी जा सकती है अगर इसका पालन नहीं हो रहा है तो उसकी व्यस्था सभी जिला व मुख्यालयों में करायी जाये. जिस व्यक्ति को गवाह के रूप में रखा जायेगा, उसकी जानकारी तो गिरफ्तार व्यक्ति को हो ही जायेगी क्योंकि गिरफ्तार व्यक्ति द्वारा काउंटर साइन कराया जाना है.
इसमें ऐसी कोई सूचना नहीं है कि जो गोपनीय या विश्वास में दिया गया माना जाये. इसके प्रकट हो जाने से किसी व्यक्ति विशेष की शारीरिक सुरक्षा या जीवन खतरे में पड़ सकता हो. जिलों में नियंत्रण कक्ष की स्थापना का प्रावधान है, जिसमें हर जिले व राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष किये जाने हैं जहां पर नोटिस बोर्ड पर गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों की जानकारी होगी.
के नाम व पते, उन पदाधिकारियों के नाम भी दर्ज करना है, जिन्होंने गिरफ्तारी की है. पुलिस मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष में समय-समय पर गिरफ्तार व्यक्तियों के बारे में विवरण एकत्रित किया जायेगा. उन्होंने बांका के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि चार सप्ताह में सूचना उपलब्ध करायी जाये.