मुलायम से बोले नीतीश: वरिष्ठ नेताओं की कमेटी बने, कमेटी तय करे टिकट
नयी दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू-राजद के बीच सीटों के बंटवारे पर संशय बरकरार है. शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से उनके आवास पर मुलाकात की. बंद कमरे में तीनों नेताओं की बातचीत में यह तय किया गया कि बिहार विधानसभा […]
नयी दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू-राजद के बीच सीटों के बंटवारे पर संशय बरकरार है. शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से उनके आवास पर मुलाकात की. बंद कमरे में तीनों नेताओं की बातचीत में यह तय किया गया कि बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक होने के कारण जदयू-राजद सीटों का मामला जल्द से जल्द सुलझा लिया जायेगा.
इसके लिए दोनों दलों की ओर से वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी बनायी जायेगी, जो एक-एक सीट पर विचार-विमर्श कर यह तय करेगी कि किन सीटों पर कौन से उम्मीदवार जीत दर्ज कर सकते हैं. मुलायम सिंह की ओर से लालू प्रसाद से बातचीत कर जल्द ही विलय सहित अन्य मुद्दों पर बैठक करने की बात कही गयी.शुक्रवार को हुई बैठक में जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. वहीं आज की बैठक में राजद प्रमुख लालू प्रसाद शामिल नहीं हुए.
दिन के साढ़े नौ बजे नीतीश कुमार और शरद यादव दिल्ली स्थित मुलायम सिंह के आवास पर पहुंचे. दोनो नेताओं ने बैठक में विलय या गंठबंधन पर विस्तार से बातचीत की गयी. सूत्रों के मुताबिक बैठक में इस पर चर्चा की गयी कि यदि विलय होता है, तो चुनाव आयोग को नयी पार्टी के रूप में मान्यता देने में कोई दिक्कत नहीं होगी. क्योंकि सपा के चुनाव चिह्न् साइकिल को लेकर राजद और जदयू दोनों पार्टियों की ओर से किसी तरह के आपत्ति नहीं जताने की बात बतायी जा रही है. लेकिन, राजद की ओर से बयानबाजी पर जदयू ने आपत्ति जतायी है. जदयू की ओर से इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की गयी कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लालू प्रसाद आमंत्रित कर रहे हैं, जबकि मांझी इसके उलट गलतबयानी कर रहे हैं. बैठक के बाद देर शाम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना लौट आये.
राजद-जदयू में अब तक नहीं हुई ठोस बात
राजद-जदयू के बीच सीटों को लेकर आधिकारिक रूप से अब तक ठोस बात नहीं हो रही है, जिसके कारण विलय या गंठबंधन पर भी असर पर रहा है. दोनों दलों के नेता अपने-अपने पक्ष में बोलकर ऐसी हवा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे उनकी दावेदारी मजबूत दिखे. हालांकि इससे विलय की संभावना पर असर पड़ रहा है और दोनों दलों के बीच गंठबंधन पर भी असर पड़ने की आशंका जतायी जा रही है. इस विषय में जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि विलय या गंठबंधन को लेकर दोनों दलों के बीच कोई अड़चन नहीं है. सीटों को लेकर दोनों दलों के वरिष्ठ नेता आपस में विचार-विमर्श कर फैसला लेंगे, उसके बाद आधिकारिक घोषणा की जायेगी.