कैंपस : आइआइटी में एडमिशन : टॉप 1000 रैंक्स में 45 फीसदी स्टूडेंट्स ने केवल दो टॉप आइआइटी बॉम्बे व दिल्ली में प्रवेश लिया

साथ ही टॉप 100 रैंकर्स में 72 स्टूडेंट्स ने आइआइटी बॉम्बे, केवल दो स्टूडेंट ने मद्रास में प्रवेश लिया

By Prabhat Khabar News Desk | September 20, 2024 6:57 PM

जेइइ एडवांस्ड के टॉप-500 रैंकर्स ने मुंबई, दिल्ली, मद्रास, कानपुर, खड़गपुर, रूड़की, गुवाहाटी और आइआइटी हैदराबाद चुना-टॉप 1000 रैंकर्स में 45 फीसदी ने बॉम्बे, दिल्ली को चुना, 24 प्रतिशत की कानपुर व मद्रास रही प्राथमिकता

संवाददाता, पटना

आइआइटी मद्रास की ओर से जेइइ एडवांस्ड की जारी गयी रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष आइआइटी में 17695 स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया गया, जिनमें 14,200 लड़के जेंडर न्यूट्रल पूल कोटे से व 3495 लड़कियां फीमेल सुपर न्यूमेररी पूल से शामिल हैं. इस वर्ष टॉप 1000 रैंकर्स के जारी किये गये डाटा के अनुसार टॉप 1000 रैंक्स में 45 फीसदी स्टूडेंट्स ने केवल दो टॉप आइआइटी बॉम्बे व दिल्ली में प्रवेश लिया.

टॉप 50 रैंक वाले स्टूडेंट्स में से 47 स्टूडेंट्स ने आइआइटी बॉम्बे में लिया एडमिशन

आइआइटी मद्रास द्वारा जारी की गयी रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं. एलन कैरियर इंस्टीट्यूट के एजुकेशन एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष टॉप 50 रैंक वाले स्टूडेंट्स में से 47 स्टूडेंट्स ने आइआइटी बॉम्बे, दो स्टूडेंट्स ने आइआइटी दिल्ली में एडमिशन लिया है. साथ ही टॉप 100 रैंकर्स में 72 स्टूडेंट्स ने आइआइटी बॉम्बे, केवल दो स्टूडेंट ने मद्रास में प्रवेश लिया. इसी तरह टॉप 200 रैंकर्स में से 100 स्टूडेंटस ने बॉम्बे, 50 स्टूडेंट्स ने दिल्ली, 30 ने मद्रास, 16 स्टूडेंट्स ने कानपुर में एडमिशन लिया. इसके अतिरिक्त टॉप 500 रैंक तक के स्टूडेंट्स में 179 स्टूडेंट्स ने बॉम्बे, 109 स्टूडेंट ने दिल्ली, 69 ने मद्रास, 42 स्टूडेंट्स ने कानपुर, 45 स्टूडेंट्स ने खड़गपुर, 33 स्टूडेंट्स ने आइआइटी रूड़की, सात स्टूडेंट्स ने गुवाहाटी, तीन स्टूडेंट्स ने हैदराबाद को एडमिशन के लिये चुना.

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45 फीसदी ने बॉम्बे व दिल्ली को चुना

जारी आकड़ों के अनुसार टॉप 1000 रैंकर्स में 45 फीसदी स्टूडेंट्स ने केवल दो टॉप आइआइटी बॉम्बे व दिल्ली में एडमिशन लिया व 24 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने कानपुर, मद्रास को प्राथमिकता दी. टॉप 1000 रैंकर्स में से 246 स्टूडेंट्स ने आइआइटी बॉम्बे, 204 स्टूडेंट्स ने आइआइटी दिल्ली, 128 ने मद्रास, 117 स्टूडेंट में कानपूर, 82 स्टूडेंट्स ने खड़गपुर, 69 स्टूडेंट्स ने गुवाहाटी, 55 स्टूडेंट्स ने आइआइटी रूड़की, 41 स्टूडेंट्स ने हैदराबाद, 23 ने बीएचयू, पांच स्टूडेंट्स ने आइआइटी इंदौर, मात्र गांधीनगर में एक स्टूडेंट ने एडमिशन लिया. ऐसे में टॉप 1000 रैंकर्स में सबसे ज्यादा प्रवेश पुराने टॉप आइआइटीज में लिया व नये आइआइटी में प्रवेश में रुचि नहीं दिखायी. केवल नये आइआइटी में हैदराबाद आइआइटी को अच्छी प्राथमिकता देते दिखायी दिये.

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टॉपर्स क्यों चुनते हैं पुरानी आइआइटी

एक्सपर्ट आहूजा के अनुसार टॉपर्स केवल टॉप-7 आइआइटी को ही ज्यादा प्राथमिकता देते हैं, इसका प्रमुख कारण पुराने सात आइआइटी में प्रतिस्पर्धात्मक माहौल अधिक मिलता है, जिसके कारण विद्यार्थी अपना सर्वांगीण विकास कर पाते हैं. इन आइआइटी में जॉब प्लेसमेंट के लिए कंपनियां भी अन्य आइआइटी के मुकाबले में ज्यादा संख्या में आती हैं, जो हर फील्ड के बच्चों को प्लेसमेंट के लिए मौका देती हैं. साथ ही वर्ल्ड की टॉप एमएनसी इन आइआइटी में करोड़ों तक के पैकेज स्टूडेंट्स को ऑफर करती हैं. इसके अतिरिक्त इन आइआइटी से विदेश में एमएस करने के लिए भी असीम संभावनाएं उपलब्ध रहती हैं. क्योंकि यहां के प्रोफेसर्स की रिकमंडेशन विदेश में पढ़ाई में बहुत महत्वपूर्ण होती है. साथ ही पुराने आइआइटी में स्टार्टअप की संभावनाएं ज्यादा हैं, जिसके लिए फंड भी आसानी से मिल जाता है. इसके अतिरिक्त टॉपर्स के आलावा भी अन्य स्टूडेंट्स की प्राथमिकता पुराने टॉप आइआइटी ही रहती है, भले उन्हें इन आइआइटी में लोअर ब्रांच ही क्यों न मिले. वे स्टूडेंट्स भी नयी आइआइटी की बजाय पुराने आइआइटी में जाना पसंद करते हैं.

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