कोलकाता में सीखा था नकली नोट बनाना
प्रभात फॉलोअप- ग्रामीण इलाकों में खपाते थे नकली नोट – पंडारक में पकड़े गये तस्करों ने किया खुलासा संवाददाता, पटना पंडारक में दो लाख के नकली नोट के साथ पकड़े गये शैलेंद्र (नालंदा के नौरंगा) व सुदर्शन (नालंदा के मलामा) ने नकली नोट बनाने का काम कोलकाता में सीखा था. ये लोग पहले प्रिंटिंग प्रेस […]
प्रभात फॉलोअप- ग्रामीण इलाकों में खपाते थे नकली नोट – पंडारक में पकड़े गये तस्करों ने किया खुलासा संवाददाता, पटना पंडारक में दो लाख के नकली नोट के साथ पकड़े गये शैलेंद्र (नालंदा के नौरंगा) व सुदर्शन (नालंदा के मलामा) ने नकली नोट बनाने का काम कोलकाता में सीखा था. ये लोग पहले प्रिंटिंग प्रेस चलाते थे, लेकिन इसे सीखने के बाद नकली नोट की छपाई करने लगे. यह खुलासा पुलिस के समक्ष पूछताछ में दोनों तस्करों ने किया है. पुलिस को उन दोनों से गिरोह के अन्य सदस्यों के नामों की भी जानकारी मिली है. उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है. पुलिस ने मंगलवार को दोनों को जेल भेज दिया है. पुलिस दोनों को रिमांड ले सकती है. उन दोनों से कोलकाता के नेटवर्क के विषय में जानकारी मिलने की उम्मीद है. अगर ऐसा हुआ तो नकली नोट के मामले में बड़ा खुलासा हो सकता है. एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि अब तक जो जानकारी इन लोगों से मिली है, उसके अनुसार ये लोग सौ-सौ के ही नोट बनाते थे और ग्रामीण इलाकों में खपाते थे. विदित हो कि दो लाख के नकली नोट के साथ पुलिस ने शैलेंद्र व सुदर्शन को सौ-सौ के दो लाख नकली नोट के साथ पुलिस ने पंडारक में पकड़ा था.ङ्म100 छापने के पीछे का राज यह गैंग सिर्फ 100 का ही नोट तैयार करता था. इसके पीछे तस्करों का तर्क था कि सौ के नोट पर कोई शक नहीं करता है, जबकि पांच सौ या हजार के नोट को बड़े से बड़ा दुकानदार तक कई बार देखते-परखते हैं. फिर सौ का नोट कहीं भी खपाना आसान है. हालांकि ये लोग ग्रामीण इलाकों में ही ज्यादा खपाते थे. यही नहीं, ये दोनों तस्करों ने अब तक चार लाख के नकली नोट को बाजारों में खपा चुके हैं.