सिन्हा लाइब्रेरी अधिग्रहण विधेयक रद्द हो: आर के सिन्हा
संवाददाता,पटनासांसद आरके सिन्हा ने राधिका सिन्हा इंस्टीच्यूट और डॉ सच्चिदानंद सिन्हा लाइब्रेरी के अधिग्रहण पर हाइकोर्ट के रोक के आदेश का स्वागत किया है. सिन्हा ने कहा है कि डॉ सच्चिदानंद सिन्हा आधुनिक बिहार के निर्माता थे. उनके ही प्रयास से बिहार, बंगाल और उड़ीसा से अलग हुआ था. उन्होंने बताया कि बिहार के वे […]
संवाददाता,पटनासांसद आरके सिन्हा ने राधिका सिन्हा इंस्टीच्यूट और डॉ सच्चिदानंद सिन्हा लाइब्रेरी के अधिग्रहण पर हाइकोर्ट के रोक के आदेश का स्वागत किया है. सिन्हा ने कहा है कि डॉ सच्चिदानंद सिन्हा आधुनिक बिहार के निर्माता थे. उनके ही प्रयास से बिहार, बंगाल और उड़ीसा से अलग हुआ था. उन्होंने बताया कि बिहार के वे एक मात्र विभूति थे जिनके पास महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू, जिन्ना आदि विमर्श और मार्गदर्शन के लिए आते थे. उन्होंने बताया कि राधिका सिन्हा के पिता अविभाजित भारत के लाहौर उच्च न्यायालय के नामी बैरिस्टर थे. राधिका सिन्हा अपने हिस्से की संपत्ति बेचकर 1924 में 50 हजार रुपये और डा सच्चिदानंद सिन्हा ने 50 हजार रुपये देकर सिन्हा लाइब्रेरी की स्थापना की थी. उनके प्रयास से लाइब्रेरी में दस हजार पुस्तकें उपलब्ध करायी गयी थी.