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सिपाही से दारोगा तक को 13 माह का वेतन

पटना: राज्य सरकार ने राज्य के पुलिसकर्मियों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है. इन्हें अब साल में 13 महीने का वेतन मिलेगा. यह सुविधा सिपाहियों, हवलदारों, सहायक अवर निरीक्षकों (एएसआइ) और अवर निरीक्षकों (एसआइ) तक को दी जायेगी. राज्य में इनकी संख्या करीब 60 हजार है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में […]

पटना: राज्य सरकार ने राज्य के पुलिसकर्मियों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है. इन्हें अब साल में 13 महीने का वेतन मिलेगा. यह सुविधा सिपाहियों, हवलदारों, सहायक अवर निरीक्षकों (एएसआइ) और अवर निरीक्षकों (एसआइ) तक को दी जायेगी. राज्य में इनकी संख्या करीब 60 हजार है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगायी गयी. इन अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को यह सुविधा अवकाश के दिनों में भी काम करने के कारण दी जा रही है.

उन्हें इस सुविधा के तहत इन्हें साल भर के दौरान मिलनेवाले सभी वेतनों का औसत निकाल कर अंतिम माह में दो माह का वेतन दिया जायेगा. इस फैसले से वेतन या गैरयोजना मद में 375 करोड़ 33 लाख रुपये का खर्च बढ़ेगा. केंद्र सरकार साल में 13 माह का वेतन अपने तमाम सुरक्षा बलों को देती है. इनमें सीआरपीएफ, सीआइएसएफ व अन्य अर्धसैनिक बल शामिल हैं.

गैर मजरूआ आम जमीन की बंदोबस्ती कर सकेंगे डीएम
कैबिनेट की बैठक में 22 एजेंडे को पेश किये गये, जिनमें 21 पर मुहर लगी और एक वापस हो गया. एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के तहत भूमिहीन महादलित परिवारों और इस तरह के अन्य बीपीएल परिवारों को आवास के लिए पांच डिसमिल गैरमजरूआ आम जमीन की बंदोबस्ती करने का अधिकार डीएम को दे दिया गया है. इसके तहत अब किसी भी संबंधित जिले में भूमिहीन गरीब परिवारों के लिए प्रति परिवार पांच डिसमिल जमीन की दर से किसी गैरमजरूआ आम जमीन की बंदोबस्ती डीएम अपने स्तर से कर सकते हैं. सरकार ने डीएम को यह अधिकार पहली बार दिया है. इससे पहले ऐसी जमीनों की बंदोबस्ती करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से अनुमति लेनी पड़ती थी.
नगर निकायों जन-प्रतिनिधियों के लिए पांच लाख का अनुदान
राज्य सरकार ने एक अन्य अहम फैसले के तहत किसी भी नगर निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को पद पर बने रहने के दौरान किसी आपराधिक या हिंसात्मक घटना या दुर्घटना से मौत होने पर या किसी प्राकृतिक आपदा से मृत्यु होने की स्थिति में उनके आश्रितों को पांच लाख रुपये अनुग्रह अनुदान के रूप में दिये जायेंगे. कैबिनेट ने इस नये नियम की स्वीकृति प्रदान कर दी है.
कैबिनेट के अन्य प्रमुख फैसले
– राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा (समस्तीपुर) के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मियों को वेतन/पेंशन का बकाया भुगतान करने के लिए 33 करोड़ 18 लाख 62 हजार रुपये दिया गया है. यह भुगतान 1 जनवरी, 2006 से दी जायेगी.
– बेगुसराय जिले के साहेबपुर कमाल के तत्कालीन सीओ शशांक कुमार लाल (बिप्रसे) बरखास्त
– खनन एवं भूतत्व विभाग के नवादा के तत्कालीन सहायक खनन पदाधिकारी हरिमोहन दास बरखास्त. इन पर 1.75 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप
– अब वाहन का टैक्स इ-चालान के जरिये एसबीआइ के अलावा अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से भी जमा कर सकते हैं.
– शेखपुरा और किशनगंज में न्यायमंडलों के गठन के लिए 87.71 लाख जारी, आठ न्यायिक पदाधिकारियों का पद सृजित
– पीएचइडी में कार्यरत 25 कनीय असैनिक अभियंता एक वर्ष के लिए दूसरी बार पुनर्नियोजित
– महादलित विकास मिशन को 220 करोड़ रुपये का अनुदान
– मुख्यमंत्री एससी-एसटी मेधावृत्ति योजना के लिए 105 करोड़
– चक्रवाती तूफान से फसल के नुकसान की भरपाई करने के लिए इनपुट अनुदान के रूप में 143 करोड़
– ओलावृष्टि से फसल नुकसान की भरपाई के लिए 276 करोड़
– भूकंप के होनेवाले नुकसानों के लिए पांच करोड़

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