अब नये तरीके से होगा महिला हेल्पलाइन का संचालन
पटना: अब महिला हेल्पलाइन का संचालन नये तरीके से किया जायेगा. इसके लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेडिंग) मॉड्यूल तैयार किया गया है. इसकी मदद से महिला हेल्पलाइन में दर्ज मामलों का निबटारा अब नये तरीके से की जा सकेगी. इसके लिए ‘विशाखा’ नामक एजेंसी की मदद ली जा रही है. इसके जरिये हेल्पलाइन के प्रोटेक्शन […]
पटना: अब महिला हेल्पलाइन का संचालन नये तरीके से किया जायेगा. इसके लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेडिंग) मॉड्यूल तैयार किया गया है. इसकी मदद से महिला हेल्पलाइन में दर्ज मामलों का निबटारा अब नये तरीके से की जा सकेगी. इसके लिए ‘विशाखा’ नामक एजेंसी की मदद ली जा रही है. इसके जरिये हेल्पलाइन के प्रोटेक्शन ऑफिसर को अब अलग से तैयार मॉड्यूल के आधार पर ट्रेनिंग दी जायेगी.
चार जिलों से होगी शुरुआत : इसके तहत हेल्पलाइन में दर्ज मामलों की फाइलिंग, काउंसेलिंग व निबटारा की पूरी जानकारी दर्ज की जायेगी. अन्य राज्यों के तर्ज पर अब महिला हेल्पलाइन में कुछ बदलाव किये जा रहे हैं. ताकि हिंसा से पीड़ित महिलाओं के मामले न केवल दर्ज हो, बल्कि उनके मामले का सही से निबटारा व उसकी रिपोर्ट तैयार की जा सकें.
वहीं, संस्था को तकनीकी सपोर्ट ब्रिटिश संस्था डीएफआइडी की ओर से किया जा रहा है. इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पटना समेत चार जिलों से की जा रही है. सारण, दरभंगा , गया व पटना जिले के हेल्पलाइन में नये मॉड्यूल से केसों का निष्पादन किया जायेगा. इसकी रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को सौंपी जायेगी. इसके बाद अन्य जिलों में इसे लागू किया जायेगा.
निष्पादित मामलों की मॉनीटरिंग : एजेंसी की मानें, तो वर्तमान प्रक्रिया के तहत हेल्पलाइन में सभी तरह की शिकायतें दर्ज किये जा रहे हंै. इसके बाद मामले की सुनवाई की जाती है. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों का समझौता कराने के बाद उन मामलों को निष्पादित की सूची में डाल दी जाती है.
इसके बाद उन मामलों में मॉनीटरिंग नहीं की जाती है, जबकि वैसे मामलों में ज्यादातर दोबारा हिंसा होने के मामले आते हैं. ऐसे में निष्पादित मामले की सही से मॉनीटरिंग नहीं होने से पीड़िता को तत्काल मदद तो मिल रही है, लेकिन उनकी मॉनीटरिंग नहीं होने से पीड़िता कई बार परेशानी में पड़ जाती है.