आइटीडीसी के होटलों के निजीकरण का जदयू करेगा विरोध : केसी त्यागी
संवाददाता, पटनाजदयू के राष्ट्रीय महासचिव सांसद केसी त्यागी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार की प्रस्तावित भारत पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के निजीकरण का विरोध करती है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि आइटीडीसी के होटलों के निजीकरण के पहले सीवीसी को शामिल कर नयी समिति की गठन […]
संवाददाता, पटनाजदयू के राष्ट्रीय महासचिव सांसद केसी त्यागी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार की प्रस्तावित भारत पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के निजीकरण का विरोध करती है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि आइटीडीसी के होटलों के निजीकरण के पहले सीवीसी को शामिल कर नयी समिति की गठन कर वास्तविक स्थिति का पता लगाये, इसके बाद ही कोई निर्णय करे. उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री डा महेश शर्मा ने बीमारू चल रहे आइटीडीसी के 16 में से आठ होटलों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा है. उन्होंने कहा कि पिछली एनडीए सरकार में पर्यटन मंत्री रहे अरुण शौरी के कार्यकाल में 1999-2004 के दौरान आइटीडीसी के 34 में से 18 होटल औने पौने दाम में बेचे गये. इसमें कई अनियमितताएं पायी गयी. उन्होंने कहा कि उदयपुर की हेरिटेज लक्ष्मी होटल को निजी वैन्युअर और सरकार की एडवायइजरी कमेटी के कहने पर महज 7.42 करोड़ रुपये में सिंगल बिड पर बेच दिया गया. जबकि उस वक्त उस होटल 29 एकड़ जमीन की कीमत डीएलसी रेट से ही 151 करोड़ रुपये होती थी. होटल बिक्री में गड़बड़ी की बात सामने आने पर सीबीआइ ने इसकी जांच शुरू की थी. जून 2002 में मुुंबई के घरेलू हवाई अडडे के पास सेंटूर होटल महज 83 करोड़ रुपये में बत्रा समूह के हाथों बेच दिया गया. महज चार माह में ही बत्रा समूह ने इसे 35 प्रतिशत मुनाफ े पर सहारा समूह को 115 करोड़ रुपये में बेच दिया. जबकि कंट्रैक्ट में यह विशेष प्रावधान था कि इसे दो साल तक किसी के हाथ बिक्री नहीं की जायेगी.