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लालू-शरद की घोषणा : बदलेंगे इतिहास, हैं साथ-साथ

निषाद अधिकार संकल्प महारैला में बोले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिहार है दिल्ली में बदलाव का केंद्र पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने शनिवार को गांधी मैदान में निषाद अधिकार संकल्प महारैली में सीधे- सीधे कहा कि जनता परिवार के विलय को लेकर कोई शक सुबहा नहीं है. इस बारे में कोई […]

निषाद अधिकार संकल्प महारैला में बोले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिहार है दिल्ली में बदलाव का केंद्र

पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने शनिवार को गांधी मैदान में निषाद अधिकार संकल्प महारैली में सीधे- सीधे कहा कि जनता परिवार के विलय को लेकर कोई शक सुबहा नहीं है. इस बारे में कोई भ्रम की स्थिति नहीं है. बिहार में हम राजद के साथ मिल कर चुनाव लड़ेंगे. श्री यादव ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आज देश की हालत काफी खराब है. हर मोरचे पर मोदी सरकार फेल हो गयी है. जब तक देश का खेत हरा और किसान खुशहाल नहीं होगा तब तक देश की तरक्की नहीं होगी. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि चुनाव के समय नरेंद्र मोदी ने जो वायदे किये थे, उसका क्या हुआ. उन्होंने निषादों से एकजुट होने की अपील की.

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यादव ने कहा कि जनता परिवार के विलय को लेकर कई तरह की चर्चा हो रही है. विरोधी भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की मौजूदगी में कहा कि किसी को विलय को लेकर भ्रम नहीं होना चाहिए. हम साथ मिल कर चुनाव लड़ेंगे. बिहार से ही देश में बदलाव का रास्ता बनेगा. हम एक बार फिर देश के इतिहास को बदलेंगे. आज एक साल हो गया लेकिन एक भी चुनावी वायदा पूरा नहीं हुआ. पशुपालन मंत्री बैधनाथ सहनी ने कहा कि पूरा निषाद समाज उन दोनों के पीछे खड़ा है. सांसद अनिल सहनी ने ने कहा कि समाज के मान-सम्मान के लिए सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठाते रहेंगे. मौके पर पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, रामाश्रय सहनी विधायक मदन सहनी , विधान पार्षद हीरा बिंद , श्याम रजक आदि थे.

आदि ने सामाजिक एकता पर जोर देते हुए निषाद समाज को सत्ता में सम्मानजक भागीदारी तथा अनुसुचित जाति- जन जाति का दर्जा दिए जाने की मांग की. सभा का संचालन उपेन्द्र सहनी ने किया. सभा को विभिन्न जिलों से आए नेताओं ने भी संबोधित किया. मंच पर पूर्व सांसद रामदेव भंडारी , खाद्य आपूर्ति मंत्री श्याम रजक, राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूव्रे , मछुआ आयोग के अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.

नीतीश-लालू की फोन पर हुई बात, शरद भी करते रहे मंथन

पटना. बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर जदयू और राजद के बीच सीटों का तालमेल अंतिम चरण में है. चुनाव में गंठबंधन और उसके बाद छह राजनीतिक दलों के विलय को लेकर जहां दोनों दलों के सुप्रीमो लगे हुए हैं, वहीं राजद नेताओं के आये हालिया बयान से जदयू के एक खेमे में नाराजगी है. सूत्रों की माने तो सीटों के तालमेल को लेकर शुक्रवार की देर रात मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बीच लंबी बातचीत हुई. दोनों नेताओं ने विधान परिषद के अलावा आगे विलय को लेकर भी आपस में बात की है.

राजद नेताओं के आ रहे बयानों पर भी दोनों ओर से चर्चा की गयी. साथ ही एक-दो दिनों के अंदर सीटों के बंटवारे का एलान करने की भी बात हुई. उधर, पटना पहुंचे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव भी गंठबंधन के साथ-साथ विलय पर लगे हुए हैं. पार्टी के नेताओं व सरकार के मंत्रियों से उन्होंने फीडबैक लिया. सूत्रों ने बताया कि राजद नेताओं के ताजा बयान पर भी जदयू चर्चा कर रहा है. जदयू ने उन बयानों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है, लेकिन गंठबंधन से पहले इस तरह के बयान आने से गंठबंधन पर शंका व संदेह भी हो रहा है. जिस तरह की बात हुई है उससे तनाव बढ़ता है और गंठबंधन में देरी होती है. जदयू के कई नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी राजद नेताओं के बयानों से अवगत कराया.

नीतीश-लालू के बीच फोन पर हुई बातचीत और शरद यादव के मंथन के बाद संभावना जतायी जा रही है कि रविवार या फिर सोमवार को गंठबंधन के सीटों का एलान कर दिया जायेगा. इससे पहले तीनों नेताओं के आपस में मिलने की भी संभावना जतायी जा रही है. शनिवार की देर शाम जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद केसी त्यागी समेत अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर जा कर मुलाकात की. उधर, देर रात तक शरद यादव भी मंत्री व नेताओं से मिलते रहे. बिहार सरकार के मंत्री अवधेश कुशवाहा, श्याम रजक, बैजनाथ सहनी, विधान पार्षद संजय गांधी ने उनसे मुलाकात की.

गंठबंधन होकर रहेगा : लालू

पटना. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शनिवार को कहा कि विधान सभा चुनाव में जदयू के साथ उनके दल का गंठबंधन होकर रहेगा. गांधी मैदान में निषाद अधिकार संकल्प महारैला को संबोधित करने आये राजद अध्यक्ष ने कहा कि गंठबंधन को लेकर जिच नहीं है. इसके पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद ने केंद्र की मोदी सरकार व भाजपा तथा आरएसएस पर चुटीले अंदाज में जम कर निशाना साधा. निषादों को नदी पुत्र कहते हुए कहा कि आरएसएस व भाजपा के फेर में नहीं पड़ना है. अति पिछड़ा का राग अलाप कर लोकसभा चुनाव में वोट ले लिया, लेकिन इस समाज के लिए अबतक कुछ नहीं किया. निषादों से एकजुटता की अपील करते हुए उन्होंने दिल्ली पर चढ़ाई की बात कही.

निषादों को एससी या एसटी का दर्जा दिये जाने की मांग पर कहा कि दिल्ली में ताकत दीजिए, तो मांग पूरा होगा. विधानसभा चुनाव में निषाद समाज को टिकट व सरकार में सम्मानजनक भागीदारी की भी बात कही. श्री प्रसाद का पूरा संबोधन मोदी सरकार व भाजपा तथा आरएसए पर ही केंद्रित रहा. जनता परिवार के विलय पर उन्होंने कहा कि विलय होकर रहेगा. श्री प्रसाद ने कहा कि काला धन लाने का बात करनेवाले मोदी अब जबाव क्यों नहीं दे रहे हैं.

किसानों की जमीन को अधिग्रहण करने की तैयारी है. सभी मोरचे पर मोदी सरकार फेल है. विधानसभा चुनाव को लेकर आरएसएस फिर सक्रिय हो गया है. वह समाज को तोड़ने में जुट गया है. अपने संबोधन में उन्होंने मछुआरों के लिए अपने शासनकाल में किए गये कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने लोगों से भाजपा के फेर में नहीं पड़ने की अपील की.

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