राशि के बिना ही पुल के शिलान्यास की बेताबी

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि अपने संसाधन से दो हजार करोड़ का राज्यांश और भविष्य में बढ़ने वाली लागत राशि जुटाये बिना विधानसभा चुनाव से पहले श्रेय लेने की होड़ में सरकार कच्ची दरगाह-विदुपुर पुल का शिलान्यास करने को आतुर है. अगुवानी घाट पुल का शिलान्यास भी वैकल्पिक श्रोत से धन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2015 6:06 AM
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि अपने संसाधन से दो हजार करोड़ का राज्यांश और भविष्य में बढ़ने वाली लागत राशि जुटाये बिना विधानसभा चुनाव से पहले श्रेय लेने की होड़ में सरकार कच्ची दरगाह-विदुपुर पुल का शिलान्यास करने को आतुर है. अगुवानी घाट पुल का शिलान्यास भी वैकल्पिक श्रोत से धन जुटाने की बात कह कर लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कर दिया था. एक साल बाद जब नाबार्ड से लोन स्वीकृत हुआ, तब दोबारा उसका शिलान्यास और कार्यारंभ हुआ.

यही हश्र कच्ची दरगाह-विदुपुर का न हो जाये. उन्होंने मुंगेर के घोरघट एनएच-80 के बीच बेनापुर और चंपानाला तथा समस्तीपुर के नून नदी पर पर पुल के निर्माण में विलंब का मामला उठाया. नून नदी पर पुल की स्वीकृति केंद्र सरकार ने 30 मार्च को ही दे दी थी. मुंगेर के घोरघट पुल की जमीन के लिए 2012 में ही केंद्र ने 75 लाख रुपये दिये थे. बावजूद दो वर्षो तक कोई कार्रवाई हुई.

बेनापुल और चंपानाला पुल की डीपीआर की त्रुटियों की कारण पृच्छा का भी राज्य सरकार ने जवाब नहीं दिया. गंठबंधन टूटने के बाद डेढ़ साल तक नीतीश कुमार ही इस विभाग के मंत्री भी थे, फिर भी वे पुलों का निर्माण पूरा क्यों नहीं करा पाये? पिछले दो साल की कवायद के बाद भी गांधी सेतु को जाम से मुक्ति न दिला पाने वाली सरकार केंद्र पर अनर्गल आरोप लगा रही है. केंद्र ने तो बिना कोई देरी किये पुल की मरम्मत के लिए जायका के 2800 करोड़ के प्रस्ताव की स्वीकृति दी है. कच्ची दरगाह-विदुपुर पुल की निर्माण लागत तीन साल पहले, जहां 31 सौ करोड़ रुपये थी, वहीं अब पांच सौ करोड़ रुपये लगने की संभावना है. पुल का निर्माण कार्य पूरा होते-होते यह लागत 10 से 15 हजार करोड़ रुपये न हो जाये. क्या वर्तमान में राज्यांश मद का दो हजार करोड़ के साथ ही भविष्य में संभावित लागत वृद्धि के सात से आठ हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था कर ली गयी है?
क्या अगुवानी घाट पुल की तरह ही राज्य सरकार बिना राशि की व्यवस्था किये ही कच्ची दरगाह-विदुपुर पुल का शिलान्यास के लिए आतुर है?

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