लीची को लगी मौसम की नजर
लीची में लज्जत नहीं आने से साइज छोटाखटास के कारण लीची का नहीं मिल रहा टेस्टफोटो-10गोपालगंज. करीब एक दशक बाद आयी लीची की बंपर फसल को मौसम की नजर लग गयी है. पिछले दिनों अचानक बढ़ी गरमी ने रस को चूस लिया. फिलहाल पुरवइया हवा से थोड़ी राहत है, पर फल को जितनी क्षति होनी […]
लीची में लज्जत नहीं आने से साइज छोटाखटास के कारण लीची का नहीं मिल रहा टेस्टफोटो-10गोपालगंज. करीब एक दशक बाद आयी लीची की बंपर फसल को मौसम की नजर लग गयी है. पिछले दिनों अचानक बढ़ी गरमी ने रस को चूस लिया. फिलहाल पुरवइया हवा से थोड़ी राहत है, पर फल को जितनी क्षति होनी चाहिए हो चुकी है. रस सूखने से फल की साइज कम हो गयी. दाम भी घट गया है. गुणवत्ता और साइज के अनुसार थोक भाव 30 से 50 रु पये प्रति किग्रा है. फुटकर में 40-60 रु पये किलो बिक रही है. गोपालगंज फूट एसोसिएशन के महामंत्री अजय सिंह के मुताबिक, मौसम के असर से धंधा मंदा है. मंडी में रोज की आवक 7 से 8 ट्रक है. 10 जून तक जब तक बाजार में आम पूरी तरह नहीं आ जायेगा, तब तक लीची जमी रहेगी.आम के देने होंगे पूरे दामइस सीजन में आम के पूरे दाम देने होंगे. कायदे से अब तक मंडी में यूपी, दीघा आवक की शुरुआत हो जानी चाहिए, पर अपनी महक और स्वाद के लिए इस क्षेत्र की पहचान मालदह मंडी में नहीं आया है. इससे तो यही लगता है कि पैदावार उतनी ही हुई जितनी स्थानीय मंडी में खप जाये. कुचायकोट, भोरे, उचकागांव, बरौली से भी कोई सकारात्मक खबर नहीं आ रही है. फसल औसत की तुलना में 20-30 फीसदी ही है. पिछले कुछ दिनों से थोक मंडी में दशहरी की आवक शुरू हुई है, पर इसमें न साइज है न स्वाद. साइज के लिए मौसम भी माकूल नहीं है. वैसे तो आवक क्रमश: बढ़ती जायेगी, पर आम जिस मिठास और रस के लिए जाना जाता है, उसके लिए उत्पादक क्षेत्रों में कम-से-कम एक बार झमाझम बारिश की प्रतीक्षा है.