जदयू ने घोषित किया अपना चुनावी कार्यक्रम, विलय टला, बंधन बाकी
जब गंठबंधन होगा तब बनेगा संयुक्त कार्यक्रम : वशिष्ठपटना: जदयू ने विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. रविवार को पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों, संगठन मंत्रियों की बैठक में पार्टी के एक महीने के कार्यक्रम पर मुहर लगायी गयी. इसकी शुरुआत तीन जून से होगी. बैठक के बाद में पार्टी के कार्यक्रम का एलान […]
जब गंठबंधन होगा तब बनेगा संयुक्त कार्यक्रम : वशिष्ठ
पटना: जदयू ने विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. रविवार को पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों, संगठन मंत्रियों की बैठक में पार्टी के एक महीने के कार्यक्रम पर मुहर लगायी गयी. इसकी शुरुआत तीन जून से होगी. बैठक के बाद में पार्टी के कार्यक्रम का एलान करते हुए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि जनता परिवार के विलय की बात फिलहाल टल गयी है. अभी सिर्फ गंठबंधन होगा.
जदयू की ओर से अपना अलग कार्यक्रम घोषित करने के संबंध में पूछे जाने पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि जब गंठबंधन हो जायेगा, तो सभी दलों का संयुक्त रूप से कार्यक्रम तय किया जायेगा. चाहे वह आंदोलन का हो या फिर चुनाव की तैयारी का. जब तक गंठबंधन नहीं होता है, तब तक पार्टी अपने-अपने स्तर पर कार्यक्रम तय कर सकती है. पार्टी अपने स्तर पर आंदोलन कर सकती है और चुनावों में प्रत्याशियों को जिताने के लिए अपने को बूथ स्तर तक मजबूत कर सकती है. उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरीकी ओर आये बयान पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस हमारे साथ आये,इसके हम पक्षधर हैं. उन्होंने अशोक चौधरी के बयान का पार्टी की ओर से स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ जदयू ने अभियान छेड़ रखा है. इसमें जो भी गैर भाजपा दल हमारे साथ आते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे और आंदोलन को आगे बढ़ायेंगे.
पार्टी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तीन जून से 16 जून तक सभी जिला, प्रखंड और प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों की बैठक 7, सकरुलर रोड स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर होगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी चुनाव को लेकर नेता-कार्यकर्ताओं को टास्क देंगे. इसके बाद 18 जून को जदयू किसान प्रकोष्ठ का राज्यस्तरीय किसान सम्मेलन पटना के रवींद्र भवन में आयोजित किया जायेगा. वहीं, 22 जून को केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ प्रखंड स्तर भूमि बचाओ धरना कार्यक्रम होगा. उन्होंने बताया कि किसान सम्मेलन व धरना के बाद 24-30 जून तक गांवों में चौपाल का आयोजन किया जायेगा. इसमें पार्टी के पदाधिकारी, उस क्षेत्र के विधायक व मंत्री भी शामिल होंगे. इसमें जन संवाद का कार्यक्रम होगा, जिसमें पार्टी अपनी उपलब्धियों की जानकारी लोगों के बीच रखेगी और उस क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी भी प्राप्त की जायेगी. वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बिहार का विकास हमारी प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समावेशी विकास का एक मॉडल पेश किया है, जिसका लाभ समाज के हर वर्ग को मिला है. इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में विकास के मुद्दे पर लगा जायेगा. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली व कृषि के क्षेत्र में जितना काम हुआ है, उससे बिहार की तसवीर बदल गयी है. सरकार की इन उपलब्धियों को संगठन के जरिये जनता के सामने ले जाया जायेगा. बैठक में विधान पार्षद प्रो रामवचन राय, संजय कुमार सिंह, ललन सर्राफ, राणा गंगेश्वर, पूर्व विधायक सतीश कुमार, महासचिव रवींद्र सिंह, नवीन कुमार आर्या, शैलेंद्र प्रताप सिंह, संगठन मंत्री उदयशंकर प्रजापित, प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव, संतोष कुशवाहा, हुलेश मांझी, वीरेंद्र सिंह समेत पार्टी व संगठन के पदाधिकारी मौजूद थे.
तीन से 16 जून के इन जिलों के पदाधिकारियों को सीएम देंगे टास्क :-
तीन जून : पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी व मधुबनी
चार जून : सुपौल, अररिया, किशनगंज व पूर्णिया
आठ जून : कटिहार और मधेपुरा
10 जून : सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर व गोपालगंज
11 जून : सीवान, सारण, वैशाली और समस्तीपुर
12 जून : बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर व बांका
13 जून : मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा व भोजपुर
14 जून : बक्सर, कैमूर, रोहतास व अरवल
15 जून : जहानाबाद, औरंगाबाद, गया व नवादा
16 जून : नालंदा, जमुई और पटना
18 जून : राज्यस्तरीय किसान सम्मेलन, रवींद्र भवन पटना में
22 जून : सभी प्रखंडों में भूमि बचाओ धरना
24-30 जून : गांवों में चलेगा चौपाल, बतायी जायेंगी सरकार की उपलब्धियां
विकास रहेगा एजेंडा
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बिहार का विकास हमारी प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समावेशी विकास का एक मॉडल पेश किया है, जिसका लाभ समाज के हर वर्ग को मिला है. इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में विकास के मुद्दे पर लगा जायेगा. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली व कृषि के क्षेत्र में जितना काम हुआ है, उससे बिहार की तसवीर बदल गयी है. सरकार की इन उपलब्धियों को संगठन के जरिये जनता के सामने ले जाया जायेगा.