यही नहीं दीवारों में हमेशा सीलन रहता है. कई कर्मचारियों ने अपने खर्च पर मरम्मत कराया है. कॉलोनी में गंदगी की भी है. आवास में लगे दरवाजों व खिड़कियों को चोर उखाड़ कर ले गये. कर्मचारियों का कहना है कि पिछले पांच वर्षो से मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है. यही कारण है कि आवास जजर्र हो चुके हैं. इससे हादसे की आशंका बनी हुई है. कॉलोनी में 25 लाख रुपये खर्च कर बोरिंग मशीन लगायी गयी थी. बोरिंग से गंदा पानी निकल रहा है. ऐसी स्थिति में कर्मचारी अपने घरों में आरओ मशीन लगा कर काम चला रहे हैं.
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कहीं भरभरा कर न गिर जाएं रेलकर्मियों के घर
पटना: महेंद्रू घाट स्थित रेलवे कॉलोनी की स्थिति जजर्र है. यहां बने 21 आवास में रह रहे कर्मचारी दहशत में हैं. लंबे समय से आवास की मरम्मत नहीं हुई है. कॉलोनी के अधिकतर कमरों की छत और दीवार क्षतिग्रस्त है. इनके हमेशा गिरने का खतरा बना हुआ है. कर्मचारियों का कहना है कि बारिश में […]
पटना: महेंद्रू घाट स्थित रेलवे कॉलोनी की स्थिति जजर्र है. यहां बने 21 आवास में रह रहे कर्मचारी दहशत में हैं. लंबे समय से आवास की मरम्मत नहीं हुई है. कॉलोनी के अधिकतर कमरों की छत और दीवार क्षतिग्रस्त है. इनके हमेशा गिरने का खतरा बना हुआ है. कर्मचारियों का कहना है कि बारिश में दीवार व छत के गिरने का डर बना रहता है.
क्या कहते हैं लोग
कमरों का फर्श लंबे समय से टूटा हुआ है. इसके लिए कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गयी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ.
नीरज कुमार
थोड़ी बारिश में भी छत से पानी टपकने लगता है. ज्यादा बारिश हुई,तो सामान को दूसरे के घर में रखना पड़ता है. यहां पेयजल की भी बड़ी समस्या है. बोरिंग से गंदा पानी निकलता है.
अनिल कुमार
जोन से हर साल मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये इंजीनियर विभाग को मुहैया करायी जाती है,लेकिन आज तक मरम्मत नहीं हुई. इसका खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है. इस संबंध में कई बार संबंधित अधिकारी से बात की गयी,लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ.
– जफर हसन, अध्यक्ष, पूमरे मजदूर कांग्रेस
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