ट्रांसफॉर्मर खरीद की जांच व दोषियों पर हो कार्रवाई : मोदी

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सशील कुमार मोदी ने ट्रांसफॉर्मर खरीद की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. मोदी ने इसके लिए महालेखाकार पटना, निगरानी विभाग, बिहार और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, नयी दिल्ली को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि साउथ एवं नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लि़ ने 16 और 20 केवीए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2015 6:38 AM
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सशील कुमार मोदी ने ट्रांसफॉर्मर खरीद की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. मोदी ने इसके लिए महालेखाकार पटना, निगरानी विभाग, बिहार और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, नयी दिल्ली को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि साउथ एवं नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लि़ ने 16 और 20 केवीए के जले हुए ट्रांसफॉर्मर को 63 केवीए ट्रांसफॉर्मर से बदलने के लिए सामानों और उपकरणों का क्रय बिना निविदा किया. इससे सरकार को 37 करोड़ 20 लाख रुपये की क्षति हुई है.
मोदी ने कहा है कि गंठबंधन टूटने के बाद बिहार की ऐसी स्थिति हो गयी है कि बिजली कंपनियों ने दिसंबर, 2014 में 333 करोड़ रुपये का निविदा निकाला. लेकिन, किसी भी कंपनी ने इसमें भाग नहीं लिया. ऐसी स्थिति में ऊर्जा विभाग ने अपनी छवि और प्रतिष्ठा बचाने के लिए नयी निविदा द्वारा वस्तुवार दर निर्धारित करने के बजाय 2012 में संबंधित पैकेज के लिए निष्पादित निविदा के आधार पर आपूर्ति का निर्देश जारी कर दिया.

इसके लिए चयनित संवेदक कंपनियों को 2012 में स्वीकृत पैकेज में अंकित उनके अपने दर पर ट्रांसफारमर्स, कंडक्टर्स, पोल आदि की आपूर्ति हुई. इसके कारण एक ही वस्तु की आपूर्ति विभिन्न जिलों में अलग-अलग दर पर खरीद की गयी. उन्होंने कहा कि ऐसे में इन बिंदुओं की जांच होनी चाहिए कि क्या अरबों रुपये का कार्य बिना निविदा के नोमिनेशन के आधार पर कराया जा सकता है? क्या वर्ष 2012 में टर्नकी आधार पर निष्पादित निविदा के पैकेज के कुछ सामानों और उपकरणों को उन्हीं दरों पर एवं उन्हीं संवेदक कंपनियों से क्रय करना उचित होगा? क्या ऐसा करना निविदा प्रक्रिया का घोर उल्लंघन नहीं है? क्या नयी निविदा के माध्यम से न्यूनतम दर पर कार्य कराने पर करोड़ों रुपये की बचत नहीं हो सकती थी?

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