पटना: भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों के एकजुट होने की बात करने वाली कांग्रेस ने आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव में तालमेल को लेकर जदयू-राजद के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने की कोशिश में जुट गई है. कांग्रेस ने सोमवार को इस मामले में नीतीश कुमार को चेहरा बनाकर गैर भाजपाई दलों को चुनाव में जाने का सुझाव दिया है.
प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने आज दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में बातें की. गत शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिले चौधरी ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी समान विचारधारा वाली पार्टी एक प्लेटफार्म पर आएं ताकि हम भाजपा को रोक सकें. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने पहले भी कहा है कांग्रेस अपने घटक दलों को सशक्त करना चाहती है और साथ-साथ खुद भी मजबूत होना चाहती है. ऐसा नहीं हो कि हमारे सहयोगी दल हमारी शक्ति लेकर मजबूत हो जाएं और हमें कमजोर छोड़ दें. सहयोगी दलों के साथ कांग्रेस भी सशक्त हो ऐसा हमने घटक दलों से कही है.
अशोक चौधरी ने कहा कि जहां तक बिहार विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ना है, इस बारे में अंतिम निर्णय गठबंधन के सभी नेताओं के साथ बैठने पर ही होगा पर हम मानते हैं, नीतीश कुमार ने बिहार के विकास के लिए काम किया है. एक अच्छे मुख्यमंत्री हैं और एक अच्छे मुख्यमंत्री भविष्य में हो सकते हैं. राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ एक संवैधानिक अड़चन है वैसी परिस्थिति में नीतीश भविष्य में एक अच्छे मुख्यमंत्री हो सकते हैं लेकिन अंतिम निर्णय गठबंधन के सभी नेताओं के बैठने पर ही होगा.
वहीं, लालू प्रसाद ने आज कहा कि उन्हांेने एक सप्ताह पूर्व नीतीश जी को फोन कर कहा था कि समय बीतता जा रहा है और बिना समय गवाएं हम लोगों को साथ बैठकर गठबंधन, कैसे चुनाव लड़ना है, सीटों के बंटवारे और अन्य विषयों के बारे में निर्णय ले लेना चाहिए. विलय और गठबंधन को लेकर तरह-तरह की बयानबाजी होती रही है जिससे माहौल खराब होता है. पटना में आज मीडिया के एक वर्ग से बातचीत करते हुए लालू ने कहा कि नीतीश ने उनसे कहा कि वे आंख के आपरेशन के कारण वे नहीं आ सकते और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव उनसे इन विषयों पर बातचीत करने कल उनके आवास आए थे.
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह द्वारा कल दिए गए उस बयान कि आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व जनता परिवार का विलय नहीं होगा और यह फिलहाल टल गया है. इस पर लालू ने कहा कि जब महागठबंधन ही करना है तो यह कैसे हो और आपस में सीटों के बंटवारे को लेकर बैठकर जल्द फैसला ले लेना चाहिए क्योंकि समय बीतता जा रहा है. लालू ने कहा मुलाकात के दौरान सभी संभावनाओं को तलाशा गया और यह बात भी आई कि समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने अभी विलय होने में तकनीकी समस्या की जो बात उठायी थी उसके बाद बात आगे नहीं हुई है इसलिए हमलोगों को गठबंधन करके और हम आज भी बोलते हैं कि ये लोग चाहें तो सबकुछ छोड़कार यहीं पर राजद व जदयू विलय कर लें पर हमें लगता है कि उसके लिए भी अब समय नहीं बचा है. उन्होंने कहा तब हमने कहा कि जल्दी से इन सब बातों का फैसला होना चाहिए. शरद जी से हमने कहा कि आप ही लोग कांग्रेस और राकांपा से भी बातचीत कर लें. वे और हमलोग क्या और कितनी सीट चाहते हैं, क्या आधार हो, बैठेंगे तभी सभी मामलों का समाधान निकलेगा.
यह पूछे जाने पर कि आगे भी इसको लेकर बातचीत होगी लालू ने कहा कि हमलोग जिस काम में लगे हैं वह सकारात्मक है, इसलिए किसी को इसको लेकर भ्रम नहीं रखना चाहिए. हम भाजपा के खिलाफ और उसे बिहार में सत्ता में नहीं आने देने के लिए खड़े हुए हैं ताकि इससे देश में एक संदेश जाए और पूरा देश हमारे एकजुट होने को लेकर आशांवित है इसलिए निश्चित रुप से इसका नतीजा अच्छा आयेगा. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि हमने सुझाव दिया है कि जहां से जनता परिवार के विलय की बात चली थी या गठबंधन की बात आयी तो हमलोगों को एकबार फिर बैठकर इसका जल्दी निपटारा करना चाहिए.
यह पूछे जाने पर कि इन दोनों दलों के बीच नेतृत्व को लेकर कोई विवाद पर लालू ने कहा कि अभी इस पर कोई चर्चा ही नहीं हुई है. किसी ने यह नहीं कहा कि हमें उक्त पद पर आसीन किया जाए। जब अंतिम रुप दिया जाने लगेगा तो इसका भी हल निकल आयेगा, यह कोई कठिन काम नहीं है. लालू ने कहा कि हम जब मिलकर चले हैं लडने के लिए तो एक दूसरे पर विश्वास करना पड़ेगा. विश्वास का संकट आने पर नुकसान होगा और दुश्मन को फायदा पहुंचेगा इसलिए हम अपने दल के नेताओं, सबसे अपील करता हूं कि जो भी बात करनी है वह हमसे बोलें. किसी भी मामले पर हम बात करेंगे और अलग-अलग राय मीडिया में नहीं दें.
वहीं, जनता परिवार के विलय को लेकर पड़ी गांठ और कुछ नेताओं के विलय को वस्तुत: खारिज कर दिए जाने के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि इसको लेकर किसी भी तरफ से कोई आखिरी शब्द नहीं है. जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने जनता परिवार के विलय को लेकर तथा आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू और राजद के बीच गठबंधन को लेकर जारी अटकलों के बारे में कहा, बेमौसम जितना पानी सींचते रहिए फल थोड़े ही आयेगा. जो भी होना है उपयुक्त समय पर सारी बातें स्पष्ट हो जाएंगी. पहले से ही इतनी बातें कहीं जा रही है कि सब लोगों के लिए बोलना उचित नहीं है.
नीतीश ने कहा, मैंने शुरु से प्रयास किया है इसलिए मैं बीच में ही कोई बात नहीं बोलना चाहूंगा। बीच में बोलने से क्या कोई स्थिति बनती है, उससे क्या फायदा. कोई परिस्थिति उत्पन्न होगी तब उसके बारे सोचा जायेगा. अभी कोई खास परिस्थिति उत्पन्न नहीं हुई है. मैं पहले भी कहा है कि किसी भी तरफ से कोई आखिरी शब्द नहीं है और सभी तरफ से कोशिशें जारी हैं. कोशिशों के नतीजे आने तक सभी का बोलना मुनासिब नहीं है. राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर प्रश्न खड़ा किए जाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, वाणी की स्वतंत्रता है जिनको जितना बोलना है बोलते रहते हैं. बहुत लोग बहुत कुछ बोल रहे हैं. मेरे लिए आवश्यक नहीं है उनकी बातों में और जोड़ा जाए. एक और व्यक्तव्य देने वाले मैं शामिल नहीं होना चाहता हूं. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से कल हुई मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि जब बातें अंतिम रुप से हो जाएंगी तो हम बताएंगे.
कांग्रेस के साथ तालमेल से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में नीतीश ने कहा कि कांग्रेस के साथ अभी हम लोगों का काफी अच्छा समन्वय है, वे सरकार को समर्थन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब भाजपा के साथ हमारा संबंध टूटा उस समय से ही वे जदयू सरकार को अपना समर्थन दे रहे हैं और पिछले लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में दस विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए उसमें कांग्रेस पार्टी साथ चुनाव लडी है और स्वभाविक है कि हम लोग चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी आगे भी साथ मिलकर चुनाव लड़े. लेकिन इस बीच में जो जनता परिवार के एका और विलय की बात हुई है तो अभी बाकी लोगों के साथ चुनाव के समय जो तालमेल होना है उसके बारे में कोई विस्तृत चर्चा अभी नहीं हो पायी है लेकिन यह तो पूरे तौर पर स्पष्ट है कि कांग्रेस के साथ निश्चित रुप से तालमेल होगा। इसमें किसी प्रकार का भ्रम नहीं है. नीतीश ने कहा कि जो भी होना होगा, वह उपयुक्त समय पर होगा. सारी बातें उपयुक्त समय पर स्पष्ट हो जायेगी. बीच में कोई बात नहीं बोलना चाहता हूं. अभी कोई खास स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है, सब तरफ से कोशिश जारी है.