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विलय पर इतनी बातें हो चुकीं कि बोलना उचित नहीं : नीतीश

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को साफ कर दिया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू का कांग्रेस के साथ तालमेल होगा. जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से मुख्यमंत्री ने कहा कि तालमेल को लेकर राजद से भी अलग से बात चल रही है, लेकिन गंठबंधन पर अंतिम शब्द अभी तक नहीं आया […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को साफ कर दिया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू का कांग्रेस के साथ तालमेल होगा. जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से मुख्यमंत्री ने कहा कि तालमेल को लेकर राजद से भी अलग से बात चल रही है, लेकिन गंठबंधन पर अंतिम शब्द अभी तक नहीं आया है. गंठबंधन के लिए सब तरफ से कोशिश जारी है. जब तक इस कोशिश के नतीजे नहीं आते हैं, तब तक सबका बोलना उचित नहीं है.

नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस के साथ अच्छा समन्वय है. कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रही है. 2014 में हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस साथ लड़ी. इस बीच जनता परिवार के एका की बात हुई. इसमें बाकी दलों से विधानसभा चुनाव में तालमेल को लेकर चर्चा नहीं हो पायी है, लेकिन कांग्रेस के साथ तालमेल होगा. इसमें कोई भ्रम नहीं है.

मुख्यमंत्री ने राजद समेत छह राजनीतिक दलों के विलय पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि राजद से अलग से बात चल रही है. जो कुछ भी होना है, उपयुक्त समय पर स्पष्ट हो जायेगा. विलय पर पहले ही इतनी बातें कही जा रही हैं कि सबको इस पर बोलना उचित नहीं है. हम विलय के लिए शुरू से प्रयास कर रहे हैं. इसके बीच में कुछ नहीं बोलना चाहते हैं. इससे बात नहीं बनती है. राजद वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के आ रहे बयानों पर नीतीश कुमार ने बिना नाम लिये कहा कि सभी को बोलने की स्वतंत्रता है. जिसको जितना बोलना है, बोलें, लेकिन विलय पर आखिरी तौर पर कुछ कहा जाये, ऐसी कोई बात नहीं है. सब लोग अपनी-अपनी बात करते हैं, इसमें दिक्कत क्या है. क्या जरूरी है कि सब कोई इसमें बोले. बहुत कोई इस पर बोल रहे हैं. मैं एक और बयान देनेवालों में शामिल नहीं होना चाहता हूं. जदयू की ओर से अपना कार्यक्रम घोषित करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी का कार्यक्रम एक मार्च के बाद स्थगित था. अब तीन महीने के बाद फिर से उसे शुरू किया जा रहा है. इससे पार्टी की सक्रियता बनी रहती है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में भू राजस्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव भी मौजूद थे.

जिद पर अड़े प्रधानमंत्री, फिर लाया भूमि अधिग्रहण अध्यादेश

केंद्र सरकार की ओर से तीसरी बार भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लाये जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार क्या चाहती है उनका नजरिया साफ हो गया है. इस मामले पर प्रधानमंत्री जिद पर अड़े हुए हैं. चारों तरफ से इस बिल का विरोध हो रहा है. राज्यसभा में पास नहीं हुआ तो इसके लिए कमेटी बना दी. यह कानून किसानों के हित में नहीं है. भूमि अधिग्रहण बिल किसानों के अस्तित्व, अधिकार, आजीविका से जुड़ा हुआ है, केंद्र सरकार के किसी के जीवन से नहीं.

केंद्र पर बोला हमला, कहा-पारा मिलिटरी फोर्स को भी मिले वन रैंक-वन पेंशन

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव के समय सैनिकों को वन रैंक-वन पेंशन देने का वादा किया था, लेकिन एक साल के कार्यकाल होने के बाद भी इस योजना को लागू नहीं किया जा सका है. अब कह रहे हैं कि हमने सोचा नहीं था कि इतना मुश्किल है इस योजना को लागू करना. जब पहले ही सोचा ही नहीं था, तो घोषणा क्यों की थी? काला धन समेत अन्य मामले में भी उन्होंने सोचा नहीं था सिर्फ घोषणा कर दी थी. ऐसा उन्होंने लोगों को खुश करने के लिए और वोट लेने के लिए किया था. हर चीज जुमला साबित हुआ. नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार का एक साल चला गया. करीब 20 फीसदी समय सरकार का खत्म हो गया है, लेकिन पूर्व सैनिकों को अधिकार नहीं मिला. उनके प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो कमिटमेंट उसे पूरा करना चाहिए. यह केंद्र सरकार की इन इफिसेंसी और कमिटमेंट की कमी को दरसाता है. उन्होंने कहा कि वन रैंक-वन पेंशन योजना में पारा मिलिटरी फोर्स को भी शामिल किया जाना चाहिए और उनके रिटायर्ड कर्मियों को भी वन रैंक-वन पेंशन देना चाहिए.

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