रेल उपभोक्ता पखवारा में अधिकारी चमका रहे चेहरा, लेट ट्रेनों की फिक्र नहीं, चार दिन में 18 ट्रेनें रद्द

पटना: रेल उपभोक्ता पखवारा के नाम पर यात्रियों से हाल चाल पूछ कर अधिकारी भले ही अच्छा महसूस कर रहे हो,लेकिन इस अवधि में लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर कर रहे यात्रियों का हाल बेहाल है. पिछले एक हफ्ते की ही बात करें तो इस दौरान ट्रेनों की लेटलतीफी व रद्द होना इतना अधिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2015 7:49 AM
पटना: रेल उपभोक्ता पखवारा के नाम पर यात्रियों से हाल चाल पूछ कर अधिकारी भले ही अच्छा महसूस कर रहे हो,लेकिन इस अवधि में लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर कर रहे यात्रियों का हाल बेहाल है. पिछले एक हफ्ते की ही बात करें तो इस दौरान ट्रेनों की लेटलतीफी व रद्द होना इतना अधिक बढ़ गया है कि यात्रियों का रेल सफर कठिन हो गया है. खास कर पटना-दिल्ली रूट पर ट्रेनों की लेटलतीफी अधिक है. ट्रेनों के रद्द होने व लेटलतीफी से दूसरे ट्रेनों में अचानक भीड़ बढ़ने से भीषण गरमी में आरक्षण टिकट रहते यात्रियों को भीड़ भरी बोगी में सफर करना पड़ रहा है.
नहीं निकाल पा रहे हल
ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशान रेलवे बोर्ड ने एक-डेढ़ महीने पहले ही इसकी सूक्ष्म मॉनीटरिंग को लेकर आदेश दिये थे. आदेश के बाद पटना जंकशन सहित बड़े स्टेशनों पर अधिकारियों को सिर्फ परिचालन नियंत्रित करने को तैनात किया गया था,लेकिन ये अधिकारी भी ट्रेनों की लेटलतीफी का हल नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं. रेलवे बोर्ड ने 26 मई से 9 जून तक चलने वाले रेल पखवारा के दौरान लेटलतीफी पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया था, लेकिन इस दौरान महज चार दिन में जंकशन से गुजरने वाली 18 प्रमुख ट्रेनें रद्द कर दी गयी हैं.
यात्री कर रहे हंगामा, तो अधिकारी बना रहे बहाना
ट्रेन रद्द होने व विलंब चलने से परेशान यात्रियों का गुस्सा हर दिन पटना जंकशन पर देखने को मिल रहा है. नयी दिल्ली से आने वाली गाड़ियां चार-पांच घंटे लेट से आ रही हैं तो वहीं पटना से ही इनके खुलने में घंटों विलंब हो रहा है. अधिकारियों से ट्रेन रद्द होने का कारण पूछे जाने पर उनके द्वारा कभी गुजर्र आंदोलन तो कभी यूपी के कौशांबी में मूरी एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त का बहाना बनाया जाता है. अधिकारी बताते हैं कि ट्रेनों को समय पर लाने की वजह से कैंसिल किया जा रहा है ताकि एक दिन कैंसिलेशन के बाद वह अपने निर्धारित समय पर चल सके. अब सवाल यह उठ रहा है कि यह दोनों घटना को बीते करीब एक वीक हो गये हैं, लेकिन अधिकारी अपनी गलती को छुपाने के लिए अभी तक यही दोनों घटना का हवाला दे रहे हैं. हालांकि दानापुर मंडल का परिचालन विभाग की लापरवाही से मुगलसराय तक नियत समय पर पहुंचने वाली ट्रेन पटना पहुंचते-पहुंचते चार से पांच घंटे लेट हो रही हैं.
प्रमुख ट्रेनें चार से पांच घंटे लेट
28 मई – संपूर्ण क्रांति दो घंटा रिशड्यूल, श्रमजीवी 3.25 घंटा रिशड्यूल, लोकमान्य तिल एक्सप्रेस 3.45 घंटा देरी से पटना जंकशन से खुली.
29 मई- डाउन संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस- 5.10 घंटा, अप पटना-सिकंदराबाद एक्सप्रेस 1.12 घंटा रिशड्यूल, डाउन मगध एक्सप्रेस 6.30 घंटा और अप महानंदा 2.38 घंटा देरी से चल रही थी.
30 मई- डाउन राजधानी एक्सप्रेस 30 मिनट लेट, डाउन पटना कुर्ला एक्स 4.28 घंटा लेट, अप पटना अजीमाबाद एक्स 1.25 घंटा लेट चल रही थी.
31 मई- डाउन राजेंद्र नगर लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस 6.30 घंटा, अप पटना-सिकंदराबाद एक्सप्रेस 1.18 घंटा रिशड्यूल, अप मगध एक्सप्रेस 3.45 घंटा रिशड्यूल, डाउन श्रमजीवी एक्सप्रेस 4.10 घंटा देरी से चल रही थी.
1 जून: डाउन संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस 6.25 घंटा लेट, अप मगध एक्सप्रेस 2.35 घंटा रिशड्यूल, अप विक्रमशिला एक्सप्रेस 4.25 घंटा लेट
और डाउन पूर्वा एक्सप्रेस 8.27 घंटा देरी
से चल रही थी.

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